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27.4 अंकों पर आया इंडेक्स
पूरे देश में लॉकडाउन के कारण गत अप्रैल में देश के विनिर्माण क्षेत्र में अब तक की सबसे बड़ी गिरावट देखी गयी और आईएचएस मार्किट द्वारा जारी खरीद प्रबंधक सूचकांक (पीएमआई) लुढ़ककर 27.4 रह गया। आईएचएस मार्किट माह दर माह आधार पर विनिर्माण और सेवा क्षेत्र के आंकड़े जारी करता है। सूचकांक का 50 से ऊपर रहना वृद्धि और इससे नीचे रहना गिरावट को दर्शाता है जबकि 50 पर होना स्थिरता दिखाता है।
सूचकांक 50 से जितना अधिक नीचे गिरता है वह उत्पादन में उतनी बड़ी गिरावट को दर्शाता है। अप्रैल महीने की गिरावट कितनी बड़ी है इसका अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि 2009 की वैश्विक आर्थिक मंदी के दौरान भी देश का विनिर्माण पीएमआई करीब 44 तक ही लुढ़का था।
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लॉकडाउन की वजह से 15 साल का निचला स्तर
जानकारों मानें तो मैन्युफैक्चरिंग पीएमआई का यह स्तर मार्च 2005 के बाद यह सबसे निचला है। खास बात तो ये है कि उसी दौरान मैन्युफैक्चरिंग पीएमआई की शुरुआत देखने को मिली थी। वास्तव में कोरोना वायरस को रोकने के लिए 25 मार्स से देश में लगातार लॉडाउन है। जिस कारण से आर्थिक गतिविधियां पूरी तरह से ठप पड़ा हुआ है। डिमांड में जबरदस्त गिरावट देखने को मिली है।
वहीं एमएसएमई भी पूरी तरह से धड़ाम हो चुके हैं। जिसकी वजह से लोगों की नौकरियां जा रही है और आने वाले दिनों में और नौकरियां जाने की संभावनाएं देखने को मिल रही है। जानकार करते हैं कि इनपुट कॉस्ट और आउटपुट प्राइस दोनों में कटौती देखने को मिली है। दोनों से डिस्काउंट की डरमार है। आपको बता दें कि मार्च में मैन्युफैक्चरिंग पीएमआई 51.8 अंक पर था।