उपभोक्ता यदि ऐसे विज्ञापनों से भ्रम का शिकार बनते हैं तो वे केन्द्रीय उपभोक्ता संरक्षण प्राधिकरण को शिकायत दर्ज करा सकते हैं। नुकसान की स्थिति में क्षतिपूर्ति भी प्राप्त की जा सकती है।
अक्सर टीवी चैनल्स व अन्य मीडिया में कई ऐसे विज्ञापन नजर आते हैं जो भ्रामक होते हैं। इन्हें छद्म या सरोगेट विज्ञापन कहा जाता है। अधिकतर उपभोक्ता इससे भ्रमित होकर उस ब्राण्ड की ऐसी वस्तुओं के प्रति आकर्षित हो जाते हैं जिसके विज्ञापनों पर कानूनी तौर से पाबंदी लगी है।
जयपुर•Oct 03, 2024 / 06:52 pm•
Jyoti Kumar
misled by false advertisements
Hindi News / Business / सावधान रहें, छद्म विज्ञापनों से गुमराह नहीं होना चाहिए