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रोग और उपचार

बढ़ती उम्र में हाेने लगे भ्रम, ताे इस तरह करें अपनी देखभाल

अधिक उम्र के प्रभाव यानी 65 – 70 की उम्र के बाद अधिकतर लोगों में एक ही बात, अंग या किसी वस्तु के बारे में लगातार सोचने की समस्या सामने आती है

Jul 03, 2019 / 03:23 pm

युवराज सिंह

alzheimer

बढ़ती उम्र में हाेने लगे भ्रम, ताे इस तरह करें अपनी देखभाल

अधिक उम्र के प्रभाव यानी 65 – 70 की उम्र के बाद अधिकतर लोगों में एक ही बात, अंग या किसी वस्तु के बारे में लगातार सोचने की समस्या सामने आती है। उनमें यह रोग भ्रम के रूप में उभरता है जिसे वे महसूस करने के साथ जताते भी हैं। जैसे सिर में जुएं पड़ना, त्वचा पर कीड़े रेंगना या मिट्टी झड़ना, कान से कीड़े निकलना या चलना आदि। मेडिकली ऐसा हजार में से किन्हीं दो लोगों को होता है। इसे मोनोसिम्पटोमेटिक हाइपोकॉन्ड्रिएकल साइकोसिस कहते हैं जिसमें दिमाग की कार्यक्षमता कमजोर होने व इस अंग में रसायनिक व न्यूरोट्रांसमीटर के गड़बड़ाने से ऐसा होता है। इससे घबराने की जरूरत नहीं है, दवाओं के जरिये इलाज संभव है।
पहले से बीमार तो अधिक खतरा
ऐसे उम्रदराज व्यक्ति जो पहले से मधुमेह, हाई ब्लड प्रेशर व अन्य किसी रोग से पीड़ित हैं उनकी दिमागी कार्यक्षमता सामान्य लोगों की तुलना में धीमी होती जाती है। उनमें उम्र का प्रभाव भी तेजी से दिमाग पर पड़ने लगता है।
प्रमुख जांचें
पहले मरीज से बात कर सुनिश्चित करते हैं कि वाकई उसे ऐसी कोई समस्या है या नहीं। जैसे यदि वह कहे कि कान से कीड़े निकल रहे हैं तो ईएनटी विशेषज्ञ पूर्ण रूप से कान को जांचता है। यदि कही गई बात की पुष्टि नहीं होती तो सीटी स्कैन और एमआरआई जांच कराते हैं। इसके तहत यदि ब्रेन के सेरेब्रल कोर्टेक्स हिस्से में बदलाव दिखते हैं तो बीमारी की पुष्टि होती है।
इलाज
ज्यादातर मामलों में दवाओं से इलाज होता है। ये दिमागी कमजोरी को दूर कर मेटाबॉलिज्म को बढ़ाती है। मुख्य रूप से इलाज में पिमाजाइड जैसी एंटीसाइकोटिक दवा असर करने वाली होती है।

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