पेंक्रियाज में इंसुलिन रेजिस्टिविटी या इंसुलिन की कमी की वजह से ब्लड शुगर बढ़ने लगता है, जिस कारण से डायबिटीज की समस्या होती है। बड़ों में ज्यादातर टाइप 2 डायबिटीज दिखाई देती है लेकिन बच्चों और किशोर अवस्था में टाइप 1 डायबिटीज होती है, जब बच्चों का शरीर इंसुलिन उत्पादित नहीं कर पाता तब वे इसका शिकार होते हैं, 5 साल की उम्र में इसकी शुरुआत हो सकती है
बार बार पेशाब जाना (Frequent Urine) रात को बार बार उठकर पेशाब जाना, दिन में भी बार बार यूरिन जाना डायबिटीज के लक्षण में से एक है
कई बार बिस्तर गिला हो जाता है।
बहुत ज्यादा भूख लगना, कई बार भूख कंट्रोल ना होना, अगर बच्चे अपनी भूख से ज्यादा खाने लगते हैं तो ये डायबिटीज के लक्षण है बहुत ज्यादा थकान होना (Fatigue) अगर बच्चों में डायबिटीज के लक्षण है तो वो थका सा रहेगा, हर वक्त आलस और सुस्ती रहेगी,आराम करने के बाद भी सुस्ती बनी रहती है
अचानक वजन कम होना (Weight loss) ज्यादा खाने के बाद भी अचानक वजन कम हो जाना, वजन का गिरना भी शुगर के लक्षण है ज्यादा प्यास लगना (Thirsty) पानी पीने के बाद भी ज्यादा प्यास लगना डायबिटीज के लक्षण है।
किसी भी बात पर मूड खराब हो जाना, अचानक मूड में बदलाव होना भी शुगर के संकेत है आंखों की रोशनी धीरे धीरे कम हो जाना भी डायबिटीज के लक्षण है। कोई भी घाव जल्दी न भरना, ब्लड शुगर होने की वजह से घाव जल्दी भरता नहीं है
शरीर के किसी भी हिस्से में जल्दी इंफेक्शन हो जाना डायबिटीज के लक्षण है