खाद्य सुरक्षा का मतलब है कि यह सुनिश्चित किया जाए कि हर व्यक्ति को पर्याप्त मात्रा में सुरक्षित और पौष्टिक भोजन मिले। हालांकि, खाद्य सुरक्षा हमेशा से ही एक चर्चा का विषय रहा है क्योंकि ऐसे कई देश हैं, जो बेहद गरीब हैं। इसकी वजह से यहां कई लोग भुखमरी जैसी गंभीर बीमारियों के शिकार हैं। वैसे खाद्य श्रृंखला के प्रत्येक चरण में यह सुनिश्चित करने में खाद्य सुरक्षा की महत्वपूर्ण भूमिका होती है कि भोजन कितना सुरक्षित रहता है। डब्ल्यूएचओ के आंकड़ों की मानें तो दुनियाभर में लगभग 10 में से 1 व्यक्ति दूषित भोजन का सेवन करने से बीमार पड़ जाता है। जो कि सेहत के लिए एक बड़ा खतरा है।
संयुक्त राष्ट्र के अनुसार, खाद्य जनित खतरे प्रकृति में सूक्ष्मजीवविज्ञानी, रासायनिक या भौतिक हो सकते हैं, जोकि अक्सर नंगी आंखों के लिए अदृश्य होते हैं। बैक्टीरिया, वायरस या कीटनाशक अवशेष इसके कुछ उदाहरण हैं। वैसे तो हर इंसान का पौष्टिक भोजन पर जन्मसिद्ध अधिकार होता है, लेकिन बढ़ती आबादी और कई देशों में डगमगाती अर्थव्यवस्था के चलते हर कोई सुरक्षित और पौष्टिक भोजन नहीं ले पाता है।
संयुक्त राष्ट्र के आंकड़ों के अनुसार हर साल अनुमानित 600 मिलियन खाद्य जनित बीमारियों के साथ असुरक्षित भोजन मानव स्वास्थ्य और अर्थव्यवस्थाओं के लिए एक बड़ा खतरा है, जोकि आर्थिक रूप से कमजोर लोगों को सबसे ज्यादा प्रभावित होता है। इससे सबसे ज्यादा असर महिलाओं और बच्चों की सेहत पर पड़ता है। विकसित और विकासशील देशों में अनुमानित तीन मिलियन लोग हर साल भोजन और जलजनित बीमारी से मर जाते हैं।
कोरोना वायरस जैसी महामारी के संक्रमण को देखते हुए इस बार विश्व खाद्य सुरक्षा दिवस 2020 वर्चुअली मनाया जाएगा।