यह रसायन डाई, प्लास्टिक और पेपर बनाने में प्रयोग होता है। यह आलू व अनाज आधारित उत्पादों को उच्च तापमान पर पकाने की स्थिति में उत्पन्न होता है। इसे खाने से कैंसर और नर्व डैमेज का खतरा हो सकता है।यह अलग-अलग तरह के खाने में मौजूद होता है और ये खाना बनाते समय स्वाभाविक रूप से पैदा होता है।
यह उन भोजन में सबसे अधिक पाया जाता है जिनमें शर्करा अधिक होता है और जो 120 डिग्री सेल्सियस तक पकाए जाते हैं। जैसे कि चिप्स, ब्रेड, सुबह नाश्ते की दालें, बिस्किट, क्रैक्स, केक और कॉफी।
जानवरों के साथ किए गए शोध बताते हैं कि यह रसायन डीनए के लिए विषैला होता है और इससे कैंसर पैदा करता है।हालांकि अभी इस बात की पुष्टि नहीं हुई है पर वैज्ञानिकों ने इसे इंसानों के लिए भी हानिकारक माना है।
एफएसए ने ये भी चेतावनी दी है कि आलू को फ्रिज में ना रखें। क्योंकि कम तापमान में रहने से इसमें मौजूद शर्करा की मात्रा बढ़ जाती है। फिर जब इसे पकाया जाता है तब उसमें हानिकारक एक्रिलामाइड पैदा होते हैं। इससे बचने के लिए ब्रेड को हल्का सेंके व आलू को सुनहरा भूरा होने तक पकाएं। आलू को तलने, भूनने से पहले 15 मिनट पानी में भिगोकर रखें।