2020 में ये ग्रह “परिवार” के रिश्तों को बनाएंगे मजबूत, मिलेगा सबका प्यार
सूर्यग्रहण काल में जपे इनमें से कोई भी एक मंत्र
1- ग्रहण काल में इस मंत्र का जप करने से शरीर की रक्षा होती है- पूरे ग्रहण काल की अवधी में इस मंत्र का जप करने से यह तुरंत सिद्ध हो जाता है। जो शत्रु परेशान करता उसके उपर 11 बाक पढ़कर ***** मारने से वह मित्र बन जाता है।
।। ॐ नमः वज्र का कोठा, जिसमें पिंड हमारा बैठा। ईश्वर कुंजी ब्रह्मा का ताला, मेरे आठों धाम का यती हनुमन्त रखवाला।।
2- ग्रहण काल में इस मंत्र का जप करने से एक साथ अनेक कार्यों में सफला मिलने लगती है। जिस कार्य में सफलता नहीं मिल रही हो तो मंत्र सिद्ध होने से बाद सिंद्ध मंत्र का उच्चारण करत हुए अपने ही दाएं हाथ पर तीन बार फूंक मारे, कार्य बनने लगेगा।
।। ॐ “काली घाटे काली माँ, पतित-पावनी काली माँ, जवा फूले-स्थुरी जले। सई जवा फूल में सीआ बेड़ाए। देवीर अनुर्बले। एहि होत करिवजा होइबे। ताही काली धर्मेर। बले काहार आज्ञे राठे। कालिका चण्डीर आसे।।
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3- ग्रहण काल में इस मंत्र का जप करने से बड़े से बड़े रोग से मुक्ति मिल जाती है- मंत्र सिद्ध होने पर रोगी एक गिलास मंत्र से अभिमंत्रित कर 7 दिनों तक रोज पिलाने से रोगी रोग मुक्त हो जाता है।
।। ॐ मां भयात् सर्वतो रक्ष, श्रियं वर्धय सर्वदा। शरीरारोग्यं मे देहि, देव-देव नमोऽस्तु ते।।
4- ग्रहण काल में इस मंत्र का जप करने से घर परिवार की सभी बाधाएं दूर हो जाती है।
।। ॐ ऐं ह्रीं क्लीं दह दह।।
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