रणजी ट्रॉफी के इतिहास में ऐसा करने वाले तीसरे गेंदबाज
कंबोज ने इस मैच में 49 रन देते हुए 10 विकेट हासिल किए। इसी के साथ वे रणजी ट्रॉफी के इतिहास में एक पारी में सभी विकेट लेने वाले तीसरे गेंदबाज बन गए। उनसे पहले बंगाल के प्रेमंगशु चटर्जी ने 1956 में असम के खिलाफ 20 रन देकर 10 विकेट लिए थे। वहीं राजस्थान के प्रदीप सुंदरम ने 1985 में विदर्भ के खिलाफ 78 रन देकर यह कारनामा किया था। भारत के लिए फर्स्ट क्लास क्रिकेट में पारी में बेस्ट गेंदबाजी प्रदर्शन
10/20 – प्रेमांशु चटर्जी (1957)
10/46 – देबासीस मोहंती (2001)
10/49- अंशुल कंबोज * (2024)
10/74 – अनिल कुंबले (1999) – टेस्ट
10/78 – प्रदीप सुंदरम (1985)
10/78 – सुभाष गुप्ते (1954)
कुंबले और मोहंती के क्लब में शामिल हुए कंबोज
ओवरऑल फ़र्स्ट क्लास क्रिकेट में कंबोज 10 विकेट लेने वाले छठे भारतीय गेंदबाज हैं। उनसे पहले दिग्गज स्पिनर अनिल कुंबले, सुभाष गुप्ते और देबाशीष मोहंती ये कारनामा कर चुके हैं। इसके अलावा हरियाणा के लिए खेलते हुए यह किसी भी गेंदबाज द्वारा बनाया गया सबसे अच्छा गेंदबाजी फिगर है। इससे पहले जोगिंदर शर्मा ने 2004/05 सत्र में विदर्भ के खिलाफ आठ विकेट लिए थे।
जानें कौन है अंशुल कंबोज
हरियाणा के करनाल में जन्मे कंबोज दाएं हाथ के तेज गेंदबाज होने के साथ-साथ दाएं हाथ के बल्लेबाज भी हैं। वह 2019 में साउथ अफ्रीका के खिलाफ दो यूथ टेस्ट मैचों में भारतीय अंडर-19 टीम के लिए खेले थे। वह 2023-24 विजय हजारे ट्रॉफी के दौरान खबरों में आए, जब उन्होंने 10 मैचों में 17 विकेट लिए थे। हाल ही में उन्होंने दलीप ट्रॉफी में इंडिया सी के लिए खेलते हुए पारी में 8 विकेट लिए थे, टूर्नामेंट के इतिहास में ऐसा करने वाले वह तीसरे खिलाड़ी बने थे।