इस मंदिर के समीप ही प्राचीन किला है। जो कि वर्तमान में देखरेख के अभाव में जीर्ण-शीर्ण हो चुका है। यहां प्रतिवर्ष श्रावण माह में तो श्रद्धालुओं की रेलमपेल बनी रहती है। जन-जन की आस्था के केन्द्र नीलकंठ महादेव मंदिर में तीन दिवसीय मेला आयोजित होता है। मेले के दौरान शोभायात्रा निकाली जाती है। जिसमें सभी समाजों के लोग हिस्सा लेकर सामाजिक सौहार्द को बढ़ावा देते हैं। श्रावण माह में तो आलम यह रहता है अलसवेरे चार बजे से लेकर देर रात्रि तक श्रद्धालुओं की रेलमपेल बनी रहती है। श्रद्धालु यहां आक धतूरे आदि सामग्री से भगवान शिव का पंचामृत अभिषेक कर मनौती मांगते हैं। उल्लेखनीय है कि दौसा देवनगरी में नीलकंठ ही नहीं यहां पर सोमनाथ, गुप्तेश्वर, बैजनाथ, सहजनाथ महादेव प्राचीन मंदिर हैं।
दिनभर रहीं श्रद्धालुओं की रेलमपेल
दौसा. देवनगरी दौसा में जन-जन की आस्था का केन्द्र नीलकंठ महादेव मंदिर में महाशिवरात्रि के मौके पर कई आयोजन हुए। इस दौरान मंदिर परिसर को रंग-बिरंगी रोशनी से सजाया । नीलकंठ महादेव धर्मसेवा समिति, देवगिरि के तत्वावधान में महाशिवरात्रि की पूर्व संध्या पर फूल बंगला झांकी सजाकर रात्रि को जयपुर, अलवर, सुल्तानगंज, सिकंदरा के कलाकारों द्वारा एक से बढकऱ एक भजनो की प्रस्तुति दी गई। समिति के महामंत्री राकेश जाकड़ ने बताया कि चार मार्च को सुबह से लक्खी मेला भरा। इसमें दौसा सहित आस-पास के गांवों के लोगों ने मंदिर में विशेष पूजा-अर्चना कर मन्नत मांगी। सुबह से देर रात श्रद्धालुओं की रेलमपेल बनी रही। मंदिर की तलहटी में लगी अस्थाई दुकानों पर लोगों ने चाट पकौड़ी खाने का लुत्फ उठाया।