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सरकारी स्कूल देख आप भी कह उठेंगे, वाह

सरकारी विद्यालय का नाम आते ही जहन में टूटी-फूटी बिल्डिंग, छतों से टपकता पानी और बेहाल व्यवस्थाएं नजर आती है, लेकिन तहसील मुख्यालय से महज दस किलोमीटर दूर उपखंड के ग्रामीण क्षेत्र के गांव लुटाना मंगनी सरकारी विद्यालय ऐसा है, जो इन दिनों चर्चा में है।

चूरूJun 13, 2023 / 10:18 am

Madhusudan Sharma

सरकारी स्कूल देख आप भी कह उठेंगे, वाह

सरकारी स्कूल देख आप भी कह उठेंगे, वाह

सादुलपुर. सरकारी विद्यालय का नाम आते ही जहन में टूटी-फूटी बिल्डिंग, छतों से टपकता पानी और बेहाल व्यवस्थाएं नजर आती है, लेकिन तहसील मुख्यालय से महज दस किलोमीटर दूर उपखंड के ग्रामीण क्षेत्र के गांव लुटाना मंगनी सरकारी विद्यालय ऐसा है, जो इन दिनों चर्चा में है। राजकीय उच्च प्राथमिक विद्यालय लुटाना मगनी के प्रधानाध्यापक पवन गोठवाल और उनके स्टाफ साथियों ने ग्रामीणों के सहयोग से दो वर्ष से कम समय में स्कूल की काया ही बदल दी। शिक्षण, संस्कार, पर्यावरण संरक्षण के क्षेत्र में किए काम दूसरे स्कूलों के लिए नजीर बन चुका है। मुख्य ब्लॉक शिक्षा अधिकारी बबलेश शर्मा ने बताया कि राउप्रावि लुटाना मगनी में भवन जर्जर अवस्था में था। जिसकी वजह से नामांकन भी लगातार घट रहा था। ऐसे समय में बाड़मेर से स्थानांतरित होकर अगस्त 2021 में प्रधानाध्यापक पवन गोठवाल ने कार्यग्रहण किया। इसके साथ ही विद्यालय के दिन बदलने लगे। गोठवाल ने और विद्यालय के स्टाफ ने कायाकल्प का बीड़ा उठाया। एंव स्टाफ साथियों एवं सरपंच और ग्रामीणों और गांव के युवा साथियों के सहयोग से विद्यालय का कायाकल्प कर दिया। एक समय में विद्यालय भवन जर्जर था। वहीं अब दो कमरे जनसहयोग एवं तीन कमरे ग्राम पंचायत गागडवास की तरफ से जीणोद्धार कर तैयार िकया गया है। पीने के पानी के लिए वाटर कूलर, डिजिटल शिक्षा के लिए एलईडी, प्रोजेकर इसके साथ सम्पूर्ण विद्यालय का रंग रोगन, आर्कषक शिक्षा सहायक साम्रगी दीवारों पर लिखवाई है।

स्कूल भवन पर अंकित है अच्छे संदेश
पौधरोपण के साथ साथ स्कूल भवन का रंग रोगन करवाकर सूरत बदलने के साथ ही दीवारों पर आकर्षक ढंग से बालिका शिक्षा, पर्यावरण, शिक्षा, स्वास्थ्य व स्वच्छता संबंधी संदेश अंकित किए गए। बिजली जाने पर बच्चों की पढ़ाई बाधित नहीं हो इसलिए डबल बैटरी इन्वर्टर की व्यवस्था भी की गई है। खास बात यह है कि स्कूल के बदलते स्वरूप को देखते हुए अभिभावक भी मदद के लिए आगे आने लगे हैं। सीबीईओ बबलेश शर्मा ने बताया कि प्रधानाध्यापक गोठवाल की जितनी प्रशंसा की जाए उतनी ही कम है। इनका विद्यालय के प्रति समर्पण, त्याग, विद्यालय के प्रति लगाव, जोश, जज्बा तारीफ ए काबिल है। ग्रीष्मावकाश में भी लगातार विद्यालय में जाकर विद्यालय की सेवा कर रहे हैं ये अनुकरणीय है। अल्प समय के कार्यकाल में इन्होंने विद्यालय की कायापलट कर दी।

भामाशाहों की मदद ली, स्टाफ ने भी दिया योगदान
स्कूल की दशा सुधारने के लिए पहले भामाशाहों की मदद के साथ खुद एवं स्टाफ ने भी पैसा खर्च किया। गोठवाल ने बताया की पूरे स्कूल का रिनोवेशन किया गया। इस काम में भामाशाहों की मदद तो ली ही गई। साथ ही विद्यालय का स्टाफ और संस्था प्रधान भी पीछे नहीं रहे। विद्यार्थियों में पर्यावरण संरक्षण का संदेश देने के लिए स्कूल में पौधे लगाए गए। जिससे स्कूल में हर तरफ हरियाली है।

इच्छा शक्ति से ही बदल दी तस्वीर
शिक्षक चाह जाएं तो स्कूल का माहौल बदल सकता है। ऐसा ही कुछ प्रयास विद्यालय के स्टाफ साथियों और संस्था प्रधान ने और उसमें सहयोग दिया ग्रामीणों और गांव के युवा सथियो ने। सभी ने मिलकर स्कूल की तस्वीर ही बदल दी। स्कूल और शिक्षा व्यवस्थाओं सुधारने के जुनून के साथ सरकारी स्कूल का कायाकल्प ही कर दिया। डेढ़ साल में इस स्कूल की तस्वीर बदल कर नजीर पेश की है। स्कूल में नामांकन बढ रहा है।

इनका कहना है
&जिस स्थान पर हम काम करते हैं उसे यदि अपना मान कर काम किया जाए तो नामुमकिन कुछ भी नहीं है। जब मैंने इस स्कूल का कार्यभार संभाला तो मेरी स्वर्गीय पूजनीय माताजी के आशीर्वाद से मन में चाह थी कि जहां काम कर रहा हूं उस स्थान के लिए कुछ कर सकूं। स्टाफ एंव ग्रामीणों सरपंच और युवा साथियों ने मदद की और परिणाम आपके सामने हैं।
पवन गोठवाल, प्रधानाध्यापक, राउप्रावि लुटाना मगनी

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