यह सभी नक्सली पुलिस अधीक्षक डॉ जितेन्द्र कुमार यादव, अनुविभागीय अधिकारी तारेश साहू, उप पुलिस अधीक्षक ऑप्स सुदीप सरकार, उप पुलिस अधीक्षक डीआरजी विनीत साहू के समक्ष नक्सलियों की खोखली विचारधारा, भेदभाव पूर्ण व्यवहार, उपेक्षा व प्रताड़ना से तंग आकर एवं शासन के पुनर्वास एवं आत्मसमर्पण नीति से प्रभावित होकर आत्मसमर्पण किया।
बीजापुर के भैरमगढ़ में एक्टिव थे
सभी नक्सली: आत्मसमर्पण करने वाले नक्सलियों में शामिल सभी पाचों नक्सली भैरमगढ़ इलाके में ज्यादा सक्रिय थे। माओवादियों को शहीदी सप्ताह के दौरान नक्सलियों की खोखली नीति और हिंसा से तौबा करने का मन आया। सभी नक्सली छत्तीसगढ़ सरकार की पुनर्वास योजना से प्रभावित होकर खुद को नक्सल रास्ते से अलग करने का फैसला लिया।
इन वारदातों में थे शामिल
जिन नक्सलियों ने सरेंडर किया है वे मुख्य रूप से लूट और हत्या की घटनाओं में शामिल रहे हैं। आत्मसमर्पण करने वाले नक्सलियों में मंगू पोटाम की उम्र 40 साल है, वह माओवादियों की अग्रणी शाखा दंडकारण्य आदिवासी किसान मजदूर संगठन का प्रमुख है। इस रोल में वह बीजापुर में बेहद सक्रिय था। इस पर एक लाख रुपये का इनाम घोषित किया गया था।