चौथी बार बदल रही जमीन विदित हो कि मेडिकल कॉलेज के लिए भेजे गए प्रस्ताव के समय प्रशासन द्धारा सबसे पहले ग्राम मवई स्थित जमीन खसरा नंबर 4761/272 रकबा 18.86 हैक्टेयर को चिन्हित किया था, लेकिन इसकी दूरी लगभग 15 किमी होने से इस जमीन को बदलना पड़ा था। इसके बाद प्रशासन ने कृषि महाविद्यालय के पास खसरा नंबर 1045/2 रकबा 10 हैक्टेयर को आवंटित किया था, लेकिन इसे लेकर कृषि महाविद्यालय के साथ ही कुछ अन्य लोगों ने इस पर आपत्ति दर्ज कराई थी और मामला न्यायालय में चला गया था। इसके बाद दो माह पहले पहुंची टीम ने पांच स्थानों पर जमीन देखी थी और ग्राम उत्तमपुरा की खसरा नंबर 156, 155/4 रकबा 16.11 को चिन्हित किया था। टीम ने इस जमीन को सबसे उपयुक्त मान कर यहां पर मेडिकल के लिए जमीन आवंटित करने की सलाह दी थी, लेकिन यहां पर जमीन आवंटित नहीं की गई थी। इसके बाद टीम ने अब एक बार फिर से जिले का विजिट किया है। अब समझा जा रहा है कि मामौन की जमीन ही सबसे बेहतर है।
यह रहे टीम में शामिल जमीन चयनित करने के लिए कमिश्नर द्धारा बनाई गई टीम में उपायुक्त विनय द्विवेदी, एडीएम प्रताप ङ्क्षसह चौहान, बुंदेलखंड चिकित्सा महाविद्यालय सागर के अधीक्षक राजेश जैन, लोक निर्माण विभाग के अधीक्षक यंत्री संजय डेहरिया, सागर की क्षेत्रीय संयुक्त संचालक ज्योति चौहान एवं सीएमएचओ डॉ. शोभाराम रोशन को शामिल किया गया था। वहीं टीम के साथ स्वास्थ्य विभाग के उपयंत्री अभिषेक चतुर्वेदी सहित अन्य अधिकारी कर्मचारी साथ रहे।