ग्वालियर और चित्रकूट के लिए मिले 43.49 करोड़
केंद्रीय पर्यटन मंत्रालय ने 2023-24 में प्रस्तावित दो नई परियोजनाओं के लिए 43.49 करोड़ रुपए की मंजूरी दी गई है। ग्वालियर के फूलबाग एक्सपीरियंस क्षेत्र परियोजना के तहत ग्वालियर के फूलबाग क्षेत्र का विकास 16.73 करोड़ रुपए से किया जाएगा। साथ ही चित्रकूट में आध्यात्मिक एक्सपीरियंस परियोजना के चित्रकूट में आध्यात्मिक पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए 27.21 करोड़ रुपए का बजट रखा गया है।
ओरछा को आध्यात्मिक पर्यटन के लिए उपयोजना में किया शामिल
मध्य प्रदेश के प्रमुख स्थलों को चुनौती आधारित गंतव्य विकास (सीबीडीडी) योजना के तहत भी विकसित किया जाएगा। इनमें मांडू (संस्कृति और विरासत) और ओरछा (आध्यात्मिक पर्यटन) को शामिल किया गया है। केंद्रीय पर्यटन और संस्कृति मंत्री गजेन्द्र सिंह शेखावत ने इन परियोजनाओं को देश के पर्यटन क्षेत्र में क्रांतिकारी बदलाव लाने में सहायक बताया। उन्होंने कहा कि इन परियोजनाओं से स्थानीय समुदायों के लिए रोजगार के नए अवसर उत्पन्न होंगे और पर्यटन के क्षेत्र में बड़े पैमाने पर विकास होगा।
स्वदेश दर्शन 2.0 (एसडी 2.0) में मध्य प्रदेश को मिली विशेष तरजीह
मंत्रालय ने स्वदेश दर्शन योजना को नया रूप देते हुए स्वदेश दर्शन 2.0 (एसडी 2.0) की शुरुआत की है। इस योजना के तहत 793.20 करोड़ रुपए की लागत से 34 परियोजनाओं को मंजूरी दी गई है, जिसमें सीमावर्ती क्षेत्रों की परियोजनाएं भी शामिल हैं। इसके अलावा, मंत्रालय ने स्वदेश दर्शन की उप-योजना ‘चुनौती आधारित गंतव्य विकास (सीबीडीडी)’ के तहत 42 गंतव्यों की पहचान की है, जिनमें 5 वाइब्रेंट विलेज श्रेणी के गंतव्य शामिल हैं। इस पहल का उद्देश्य इन गंतव्यों में पर्यटन सुविधाओं का विकास करना और पर्यटन को बढ़ावा देना है।
ये मध्य प्रदेश में प्रमुख परियोजनाएं
केंद्रीय पर्यटन मंत्रालय द्वारा स्वीकृत परियोजनाओं में मध्य प्रदेश के कई प्रमुख पर्यटन स्थलों को विशेष रूप से शामिल किया गया है।- वन्यजीव परिपथ (पन्ना, मुकुंदपुर, संजय, दुबरी, बांधवगढ़, कान्हा, मुक्की, पेंच) इस परिपथ के विकास के लिए 92.10 करोड़ रुपए आवंटित किए गए हैं। यह परियोजना राज्य के वन्य जीवों और संरक्षित क्षेत्रों को बढ़ावा देगी।
- बौद्ध परिपथ (सांची, सतना, रीवा, मंदसौर, धार) इस परिपथ के लिए 74.02 करोड़ रुपये की राशि स्वीकृत की गई है, जिससे बौद्ध संस्कृति और धरोहर को बढ़ावा मिलेगा।
- हेरीटेज परिपथ (ग्वालियर, ओरछा, खजुराहो, चंदेरी, भीमबेटका, मांडू) इस क्षेत्र के ऐतिहासिक और सांस्कृतिक स्थलों को बढ़ावा देने के लिए 89.82 करोड़ रुपए की राशि जारी की गई है।
- इको परिपथ (गांधीसागर, मंडलेश्वर, ओंकारेश्वर, इंदिरा सागर, तवा, बरगी, भेड़ा घाट, बाणसागर, केन नदी) पर्यावरणीय संरक्षण और इको-टूरिज्म को बढ़ावा देने के लिए 93.76 करोड़ रुपए की राशि आवंटित की गई है।