साइबर सुरक्षा के प्रति जागरूकता की इसलिए आवश्यकता
जैसे-जैसे डिजिटल तकनीक का उपयोग बढ़ रहा है, वैसे-वैसे साइबर अपराधों में भी वृद्धि हो रही है। फिशिंग, डेटा चोरी, ऑनलाइन ठगी, क्रेडिट कार्ड फ्रॉड, सोशल मीडिया पर धोखाधड़ी जैसी घटनाएं अब आम होती जा रही हैं। इनसे बचने के लिए लोगों में जागरूकता और सुरक्षा उपायों की जानकारी का होना बेहद जरूरी है। छतरपुर में पत्रिका रक्षा कवच अभियान के तहत आम नागरिकों को इन खतरों से बचने के लिए जरूरी टिप्स और उपाय दिए जा रहे हैं।
हर नागरिक को जागरुक करना उद्देश्य
पत्रिका रक्षा कवच अभियान का मुख्य उद्देश्य जिले के हर नागरिक को साइबर सुरक्षा के महत्वपूर्ण पहलुओं से अवगत कराना है। इस अभियान के अंतर्गत स्थानीय स्तर पर स्कूलों, कॉलेजों, व्यापारिक संगठनों, सरकारी दफ्तरों और गांवों में जागरूकता कार्यक्रम आयोजित किए गए हैं। इसके साथ ही लोगों को साइबर अपराधों के बारे में जानकारी देने के लिए विशेष सत्रों का आयोजन किया जा रहा है।
साइबर सुरक्षा से जुड़े महत्वपूर्ण पहलू
सुरक्षित पासवर्ड का उपयोग: लोगों को अपने डिजिटल खातों, बैंक खातों, सोशल मीडिया प्रोफाइल्स आदि के लिए मजबूत और सुरक्षित पासवर्ड बनाने की सलाह दी जा रही है। खासकर पासवर्ड में उच्चारण, जन्मतिथि या सामान्य शब्दों का इस्तेमाल करने से बचने की बात की जा रही है।
साइबर अपराधों की बढ़ती संख्या चिंताजनक
वर्तमान में साइबर अपराधों की संख्या में लगातार वृद्धि हो रही है और छतरपुर भी इससे अछूता नहीं है। हाल के दिनों में कई मामले सामने आए हैं, जहां लोगों को धोखाधड़ी का शिकार बनाया गया है। इन घटनाओं ने यह सिद्ध कर दिया है कि साइबर सुरक्षा के उपायों को समझना और लागू करना अब पहले से कहीं अधिक जरूरी हो गया है।
आम लोग कर रहे समर्थ
पत्रिका रक्षा कवच अभियान को छतरपुर जिले में जबरदस्त समर्थन मिला है। स्कूलों और कॉलेजों में आयोजित कार्यक्रमों में छात्रों ने बढ़-चढ़ कर भाग लिया, और विभिन्न सेमिनारों में बड़ी संख्या में स्थानीय लोग शामिल हुए। यह अभियान न केवल जनता को जागरूक कर रहा है, बल्कि यह स्थानीय प्रशासन और पुलिस को भी इस दिशा में बेहतर कदम उठाने के लिए प्रेरित कर रहा है। साइबर अपराधों को रोकने के लिए हमें मिलकर काम करना होगा।
निरंतर जारी रहेगा अभियान
पत्रिका रक्षा कवच अभियान अब तक जिले के कई प्रमुख इलाकों में सफलता प्राप्त कर चुका है। लेकिन इसका उद्देश्य यह नहीं है कि अभियान केवल एक बार चलाया जाए, बल्कि यह निरंतर जारी रहना चाहिए। इसके लिए आगामी महीनों में और भी कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे, ताकि हर नागरिक को साइबर सुरक्षा के प्रति जागरूक किया जा सके और किसी भी साइबर अपराध से बचने के लिए जरूरी उपायों की जानकारी दी जा सके।