टोयोटा मिराई को केरल ने अपने आरटीओ में पंजीकृत किया है। बता दें, कि टोयोटा मिराई तिरुवनंतपुरम के आरटीओ में टोयोटा किर्लोस्कर में पंजीकृत है। फिलहाल इसका उपयोग केवल रिसर्च उद्देश्यों के लिए किया जा सकता है। मिराई को प्रदान की गई पंजीकरण संख्या केएल 1 सीयू 7610 (KL 1CU 7610) है, और आरटीओ ने इस कार पर कोई कर नहीं लिया और इसका रजिस्ट्रेशन भी ऑनलाइन किया गया है, यानी अभी तक कार निर्माता से सिर्फ रजिस्ट्रेशन फीस ही ली गई है।
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पिछली कुछ रिपोर्टों का दावा है कि मिराई की कीमत 1.1 करोड़ रुपये हो सकती है, लेकिन सरकार ने एक शर्त पर टैक्स छूट की पेशकश की है। सरकार ने कहा कि मिराई का उपयोग केवल अनुसंधान उद्देश्यों के लिए किया जा सकता है, जिसके चलते इस पर टैक्स से छूट दी गई है। हाइड्रोजन ईंधन से चलने वाले वाहनों को चलाने के लिए जिन हाइड्रोजन ईंधन स्टेशनों की आवश्यकता होगी। फिलहाल, इस नेटवर्क के लिए शोध किया जा रहा है। देखना होगा कि भारत में हाइड्राजन वाहनों का क्या भविष्य होता है।
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कैसे काम करते हैं हाइड्रोजन वाहन
ये वाहन ईंधन-सेल का उपयोग करके बिजली का उत्पादन करते हैं। ईंधन टैंक से हाइड्रोजन और हवा में ऑक्सीजन कार को चलाने के लिए इलेक्ट्रिक पावर बनाता है। कार का पावरट्रेन हाइड्रोजन को ऑक्सीजन और पानी में तोड़कर काम करता है जिससे बिजली पैदा होती है। इसमें एक छोटी बैटरी होती है जो बिजली को स्टोर करती है और फिर इस बिजली का उपयोग इलेक्ट्रिक मोटरों को बिजली देने के लिए किया जाता है। इस कार में ईंधन भरने का समय पांच मिनट है, और यह फुल टैंक पर 600 किलोमीटर चलती है। ध्यान दें, कि मिराई में इलेक्ट्रिक बैटरी पारंपरिक इलेक्ट्रिक वाहनों की तुलना में 30 गुना छोटी है।