अनिल कुंबले ने कहा, यदि हम डायबिटीज के बढ़ते ग्राफ को कम करना चाहते हैं, तो हमें मिलकर ऐसी चीजों को कम करना होगा, जिनकी वजह से लोगों को डायबिटीज का खतरा होता है। एक स्पोट्र्सपर्सन के रूप में मैं कठोर चुनौतियों के लिए तैयार रहता हूं और 1000 दिवस चैलेंज के साथ हम हर हितग्राही को सामूहिक रूप से काम करने के लिए बुला रहे हैं।
1000 दिवस चैलेंज का उद्देश्य दिए गए समय में 150,000 प्रैक्टिशनर्स और 10,000 पैरामीडिक्स के बीच 6000 से अधिक मेडिकल मीटिंग एवं निरंतर मेडिकल शिक्षा (सीएमई) प्रोग्राम द्वारा जागरूकता व शिक्षा का प्रसार करना है।
डायबिटीज केयर की स्थिति पर रियल टाइम डेटा इनोवेटिव ‘इंडिया डायबिटीज केयर इंडेक्स’ के द्वारा पहली बार उपलब्ध कराया गया है। यह इंडेक्स एचबीए1सी डेटा द्वारा दिए गए शहर में औसत ब्लड शुगर कंट्रोल 3 महीनों की अवधि में प्रदान करता है।
पांडिचेरी इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेस के सीनियर प्रोफेसर डॉ. ए.के. दास ने कहा, एचबीए1सी लेवल को इस अभियान के लिए प्रमुख परफॉर्मेंस संकेतक के रूप में अपनाया जाएगा। इंडिया डायबिटीज केयर इंडेक्स प्रदर्शित करता है कि भारत में एचबीए1सी का वर्तमान औसत आम तौर पर अनुशंसित 7 प्रतिशत के मुकाबले 8.56 प्रतिशत है। इंपैक्ट इंडिया द्वारा हम इलाज किए गए मरीजों में एचबीए1सी के स्तर को कम करने के लिए काम करेंगे।
उन्होंने कहा कि एचबीए1सी में प्रत्येक 1 प्रतिशत की कटौती से स्ट्रोक का खतरा 12 प्रतिशत कम हो जाता है, दिल के दौरे का खतरा 14 प्रतिशत कम हो जाता है, आंखों की डायबिटीक बीमारी का जोखिम 31 प्रतिशत कम हो जाता है, डायबिटिक किडनी बीमारी का खतरा 33 प्रतिशत घट जाता है और डायबिटिक लिंब डिजीज का खतरा 43 प्रतिशत कम हो जाता है। इंडिया डायबिटीज केयर इंडेक्स अगले कुछ महीनों में 15 बड़े शहरों में लांच किया जाएगा और इसे त्रैमासिक आधार पर अपडेट किया जाएगा।