हो जाइए सावधान ! तंबाकू छोडऩे के 8 -10 साल बाद भी हो सकता है कैंसर , ये है बड़ी वजह…..
पिछले वर्ष दिसंबर में केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय की रिपोर्ट पर गौर करें तो वर्ष 2022 में ही 14 लाख 61 हजार 427 कैंसर पीड़ित थे। राष्ट्रीय कैंसर रजिस्ट्री कार्यक्रम के अनुसार इसमें से 29253 पीड़ित प्रदेश से शामिल हैं।
पूरे देश की बात करें तो वित्तीय वर्ष 2019-20 में 18 हजार 175 करोड़, 20-21 में 17 हजार 78 करोड़ और 21-22 में 19 हजार 328 करोड़ की तंबाकू से कमाई हुई है।
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कैंसर में तंबाकू की क्या और कितनी भूमिका है ? कैंसर में इसका सबसे बड़ा रोल है। आज अस्पताल पहुंच रहे 70 से 90 प्रतिशत मरीज किसी न किसी तरह से तंबाकू का सेवन करते है। तंबाकू के सेवन से फेफड़े, आहार नली, आवाज़ नली, और पेट के कैंसर हो सकते हैं।रानी बनाकर रखूंगा… बोलकर कई बार किया दुष्कर्म, लड़की के बयान पर कोर्ट ने आरोपी को दी ये सजा
कैंसर पीड़ित के इलाज में औसतन मिनिमम खर्च क्या है ? कैंसर ट्रीटमेंट के अलग अलग स्टेज होते है – सर्जरी, केमो थेरेपी, रेडियो थेरेपी और इम्मुनोथेरपी। अगर मरीज शुरुआती स्टेज में है तो कम खर्च और ऐसे ये बढ़ता जाता है। (CG Breaking News) प्राइवेट अस्पतालों में कैंसर के इलाज में तकरीबन 4 से 5 लाख तक का खर्च है। आयुष्मान कार्ड से सरकारी अस्पतालों में इसका इलाज मुफ्त है।
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राज्य में कैंसर के बढ़ते मामलों का प्रमुख कारण क्या है ? राज्य/शहर में कैंसर के बढ़ते मरीज का सबसे प्रमुख कारण है नशा। जिसमें तंबाकू से बने बीड़ी, सिगेरट, जर्दा आदि और शराब का सेवन शामिल है। दूसरा कहा जाए तो जंक फूड भी कैंसर होने की प्रमुख वजह में से है। (CG Bilaspur News) उन्हें अनहैल्दी फूड या जंक फूड के सेवन से छोटी आंत, बड़ी आंत और गुदाद्वार के कैंसर के मामले आ रहे है।