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CG Mountaineer News: ऑस्ट्रेलिया की सबसे ऊंची चोटी पर फहराया तिरंगा, छत्तीसगढ़ के पर्वतारोही राहुल ने किया कमाल… बचपन से ही कुछ अलग करने का जज्बा
शहर की चिंगराजपारा निवासी निशा यादव ने बताया कि उनके पिता ऑटो चालक है। घर का सारा खर्च पिता की कमाई पर चलता है। मेरा बचपन से ही कुछ अलग करने का जज्बा था। मुझे प्रकृति के बीच रहना और पहाड़ों पर चढ़ना अच्छा लगता है। पिता ने मेरे इस शौक को बरकरार रखने के लिए मुझे अरुणाचल में माउंटेनियरिंग कोर्स पूरा करवाया। मेरा सपना अफ्रीका महाद्वीप की सबसे ऊंची चोटी माउंट किलिमंजारो (19341 फीट) पर देश का झंडा फहराकर बिलासपुर, हमर
छत्तीसगढ़ और देश का नाम रोशन करना है। लेकिन मेरे पास फीस के लिए पैसे नहीं है। पहले पड़ोसी व रिश्तेदार चिढ़ाते थे कि पहाड़ चढ़ना भी कोई शौक है, लेकिन जब मेरा जज्बा, सफलता और स्वागत-सम्मान देखा, तो वहीं अब मिसाल देने लगे हैं।
3.45 लाख रुपए फीस बनी ऊंची उड़ान में बाधा
राजनीति विज्ञान में एमए निशा यादव ने कहा कि उन्होंने आर्थिक सहायता के लिए केंद्रीय राज्य मंत्री, जिले के विधायक सहित सामाजिक संस्थाओं से गुहार लगाई। लेकिन सिर्फ आश्वासन ही मिला। मुझे याद है जब मैं एल्ब्रुस फतह करके शहर लौटी थी, तो मुझे शहर की होनहार बेटी बताकर जिला
प्रशासन सहित विभिन्न संस्थानों ने स्वागत, सम्मान किया था, लेकिन आज फीस के लिए 3.45 लाख रुपए एकत्र नहीं हो पा रहे हैं। बिना मदद के मेरा सपना टूटते नजर आ रहा है। अगर सहयोग मिला तो किलिमंजारो और माउंट एवरेस्ट पर भारत का तिरंगा फहराना चाहूंगी।
निशा की उपलब्धियां
- उत्तराखंड में नैनीताल की सबसे ऊंची चोटी नैना पीक ट्रैक- 8522 फीट
- उत्तराखंड केदारकंठा ट्रैक-12500 फीट
- छत्तीसगढ़ की सबसे ऊंची चोटी गौरलाटा- 2952 फीट
- अरुणाचल प्रदेश की पर्वत चोटी गोरीचेन- 21,286 फ़ीट
- यूरोप महाद्वीप का सबसे ऊंचा पर्वत माउंट एलब्रुस-18510 फीट