नामांकन की तिथि नजदीक आने के साथ ही प्रदेश के दोनों प्रमुख विपक्षी दलों में पार्टी प्रत्याशियों के चयन के लिए कवायद तेज हो गई है। बीते शुक्रवार को भाजपा के मरवाही के लिए चुनाव प्रभारी पूर्व मंत्री अमर अग्रवाल और नेता प्रतिपक्ष धरमलाल कौशिक ने गौरेला, मरवाही क्षेत्र का दौरा किया था और प्रत्याशियों के बारे में रायशुमारी की थी।
कोरोना के गंभीर मरीजों के लिए संजीवनी है ‘प्रोन पॉजीशन’, जानिए कैसे मिलता है लाभ बताया जाता है कि बैठक में इस बात पर विवाद खड़ा हो गया कि जिन लोगों ने मरवाही पेन्ड्रा में रहते हुए पार्टी के लिए निष्ठापूर्वक काम किया है उनको टिकट दी जाए या फिर बड़े नेताओं से सीधे सम्पर्क कर अपना नाम फाइनल करने की कोशिश करने वालों को महत्व दिया जाए।
जानकारी यह भी मिली है कि भाजपा से प्रत्याशी रह चुकीं समीरा पैकरा व अर्चना पोर्ते ने साफ कहा कि रामदयाल उइके बरसों तक कांग्रेस में रहे अब उनके नाम पर विचार नहीं किया जाना चाहिए। इसी तरह डॉ. गंभीर सिंह हैं तो मरवाही के लेकिन वे रायपुर में हॉस्पिटल चलाते हैं, क्षेत्र की जनता के सुख-दुख से उनको लेना-देना नहीं है। इसलिए उनका भी नाम तय नहीं करना चाहिए।
ट्रैफिक नियम तोड़ने वालों पर पुलिस और RTO सख्त, 13 सौ गाड़ियों के लाइसेंस निलंबित जानकारी मिली है कि बहुत से समीकरणों को ध्यान में रखते हुए जिनमें व्यक्तिगत पहुंच, लोकप्रियता और संसाधन शामिल है, पार्टी की चयन समिति के समक्ष रामदयाल उइके और डॉ. गंभीर सिंह का नाम भेज दिया गया है। इस सूची में विरोध दर्ज कराने वाली दो महिला नेत्रियों समीरा पैकरा और अर्चना पोर्ते का नाम भी उन्हें संतुष्ट करने के लिए जोड़ दिया गया है।
सूत्र यह भी बता रहे हैं कि अंतिम रूप से उइके या डॉ. गंभीर का नाम ही फाइनल किया जाएगा। स्थानीय स्तर पर चयन समिति ने एक और लोकप्रिय दावेदार राकेश नरहेल के नाम को केन्द्रीय समिति को भेजे गए पैनल में शामिल नहीं किया है।
चुनाव प्रभारी अमर अग्रवाल ने बताया कि कार्यकर्ताओं से रायशुमारी के बाद उनके द्वारा प्रस्तावित नामों को केन्द्रीय समिति के समक्ष भेजा गया है। उन्होंने यह बताने से मना किया कि इस सूची में किनके नाम हैं। उन्होंने कहा कि सबसे उपयुक्त उम्मीदवार ही भाजपा संगठन की ओर से तय किया जाएगा जिससे पार्टी की जीत सुनिश्चित हो सके।