गुडलक के लिए देते हैं गिफ्ट
सबसे ज्यादा बिकने वाले कछुए क्रिस्टल के बने होते हैं। ये गिफ्ट शॉप में 100 से लेकर हजार रुपये तक मिल जाते हैं। आकार में जितने बड़े होंगे, कीमत उतनी अधिक। इसके अलावा लोग स्टोन, मार्बल, टैराकोटा, वुडेन, तांबे, चांदी, सोने का टर्टल भी खरीदते हैं और बनवाते हैं। स्टोन, मार्बल, वुडेन टर्टल की 3-4 हजार से लेकर 15 हजार तक मिलते हैं। गिफ्ट शॉप ओनर दीपक साधवानी कहते हैं, गृहप्रवेश, वास्तुपूजा, जन्मदिन जैसे मौके पर लोग गुडलक के लिए इसे देते हैं। इंटीरियर डिजाइनर अनामिका खत्री कहती हैं, कई बड़े ब्रांड टर्टल को बहुत डिफरेंट और क्यूट लुक में बना रहे हैं। ऑनलाइन भी डेकोरेटिव टर्टल ढेर सारी वैरायटी मिल रही है।
कछुआ पालना गैरकानूनी
भारत की नदियों में कछुओं की कोई कमी नहीं है। आम नदियों में इंडियन रूफटॉप टर्टल मिल जाते हैं और जंगलों में टॉरटॉइज भी मिलते हैं। मगर कछुआ को वन्यप्राणी संरक्षण अधिनियम 1972 के तहत संरक्षित जीवों की सूची में रखा गया है और अनुसूची 2 धारा 36 के तहत इसे शासकीय संपत्ति माना गया है। आप इसे घर में रख तो सकते हैं लेकिन कभी पुलिस, एनिमल प्रोटेक्शन वाले या फिर वन विभाग के लोगों ने इसे देख लिया तो वे कछुआ भी ले जाएंगे, आपके खिलाफ कार्रवाई भी करेंगे।
कछुआ रखने के फायदे
● कछुए की मूर्ति सकारात्मक ऊर्जा को आकर्षित करती हैं।
● धन, समृद्धि, सौभाग्य और शक्ति को भी आकर्षित करती है।
● कॅरियर में तरक्की मिलती है।
● बिजनेस में लाभ मिलने की संभावना बढ़ जाती है।
किस धातु का कछुआ किस दिशा में रखें ?
● धातु का कछुआ नॉर्थ या नॉर्थ वेस्ट दिशा में रखें।
● लकड़ी का कछुआ ईस्ट या साउथ ईस्ट दिशा में रखें।
● ग्लास या क्रिस्टल का कछुआ साउथ-वेस्ट या नॉर्थ वेस्ट में रखें।
● पत्थर का कछुआ पश्चिम दिशा में रखें।