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-मिथ 1 : मास्क कोरोना से बचा सकता है।
फैक्ट- अब तक ऐसा कोई भी सर्जिकल मास्क डिजाइन नहीं हुआ है जो वायरल पार्टिकल्स को ब्लॉक कर सके। हालांकि, ये इंफेक्टेड व्यक्ति को वायरस फैलाने से रोकने में मददगार होता है। क्योंकि ये रेस्पिरेट्री ड्रॉपलेट्स यानी सांस लेने और छींकने के दौरान निकलने वाली महीन बूंदें, जिनमें वायरस होते हैं, उसे फैलने से रोकता है।
-मिथ 2 : साबुन से हाथ धोने की तुलना में हैंड सेनिटाइजर से हाथों को साफ करना अधिक प्रभावी हैं, संक्रमण की रोकथाम में।
फैक्ट- साबुन से हाथ धोने के दौरान ना केवल वायरस मर जाता है, बल्कि वो धुल भी जाता है। खासतौर पर जब आपके हाथों पर डस्ट लगी हो तो हैंड-सेनिटाइजर की जगह साबुन का उपयोग ही बेहतर रहता है।
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-मिथ 3 : मच्छर भी हो सकता है कोरोना फैलने की वजह।
फैक्ट- ये बात सिर्फ एक धारणा मात्र है। अब तक इसके कोई भी प्रमाण नहीं मिले हैं, जिसके आधार पर ये कहा जा सके कि मच्छर और मक्खी के काटने या उनके जरिये कोरोना वायरस हो सकता है।
-मिथ 4 : विटमिन-C लेकर कोरोना वायरस से बचा जा सकता है।
फैक्ट- विटमिन-C हमारे शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता को मज़बूत करने में कारगर होता है। ये वायरस से लड़ने में हमारे इम्यून सिस्टम की मदद करता है। लेकिन एक्सपर्ट्स को ऐसा कोई प्रमाण नहीं मिला है कि विटमिन-C लेने से व्यक्ति कोविड-19 के संक्रमण से पीड़ित नहीं होता। यही बात ग्रीन-टी और जिंक पर भी लागू होती है।
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-मिथ 5 : गौमूत्र का सेवन करके कोरोना से बचा जा सकता है।
फैक्ट- भारतीय वायरॉलजिकल सोसायटी के हिसाब से गौमूत्र को ऐंटिवायरल माना जा सके, इसे लेकर भी अब तक कोई स्पष्ट प्रमाण नहीं मिले हैं।
-मिथ 6 : गिलोय, हल्दी और तुलसी से बना सेनिटाइजर कोरोना संक्रमण को रोकने में मददगार होता है।
फैक्ट- वर्ल्ड हेल्थ ऑर्गेनाइजेशन (WHO) के मुताबिक, एल्कोहल से बने हैंडसेनिटाइजर को ही कोरोना वायरस को नष्ट करने में प्रभावी माना गया है, जबकि गिलोय, हल्दी और तुलसी को लेकर इस बारे में अभी कोई पुष्टि नहीं हुई है।
-मिथ 7 : चाय पीने से कोरोना का खतरा कम होता है।
फैक्ट- ये बात सच है कि चाय के अंदर मिथाइल जेंथीन्स (Methyl Xanthines) पाया जाता है, जो वायरस के प्रभाव को कम करने में मददगार होता है। लेकिन कोरोना वायरस के केस में इस बात की अभी तक कोई पुष्टि नहीं है। इसलिए ये नहीं कहा जा सकता कि, चाय पीने से खत्म हो सकता है।
-मिथ 8 : नॉनवेज खाने से बढ़ जाता है कोरोना का खतरा।
फैक्ट- इस बात के अब तक कोई प्रमाण नहीं मिले हैं कि, नॉनवेज खाने वाले को कोरोना का खतरा होता है। हालांकि, नॉनवेज के सेवन से शरीर में प्रोटीन की पूर्ति होती है।
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-मिथ 9 : बच्चों में इस बीमारी का खतरा नहीं होता।
फैक्ट- अब तक स्वास्थ विभाग द्वारा जारी कोरोना बुलेटिन के डेटा के मुताबिक, बच्चों में इस बीमारी का इंफेक्शन कम तो पाया गया है, लेकिन इस बिना पर ये कहना पूरी तरह सही नहीं होगा कि, ये बीमारी बच्चों में नहीं होती। बल्कि बच्चों में इसके ना होने की वजह बड़ों की तुलना में बच्चों में इसका एक्सपोजर कम होना हो सकता है।
-मिथ 10 : पेट्स भी कोरोना फैला सकते हैं।
फैक्ट- इस बात की अभी तक कोई पुष्टि नहीं हुई है कि कुत्ते और बिल्ली भी कोरोना से इंफेक्ट हो सकते हैं। हालांकि, हमें अभी अपनी सेफ्टी के तौर पर अपने पेट्स को छूने के बाद हाथ जरूर धो लेना सावधानी ही होगी।
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-मिथ 11 : गरारे और माउथवॉश करके कोरोना से बचा जा सकता है।
फैक्ट- संक्रमण को लेकर लगातार रिसर्च जारी है। हालांकि, अब तक एक्सपर्ट्स को ऐसा कोई ठोस आधार नहीं मिला है, जिसकी बिना पर कहा जा सके कि, नमक या बीटाडिन के गरारे करने और माउथवॉश करके कोरोना संक्रमण से बचा जा सकता है। लेकिन ये दूसरे माइक्रोब्स को मारने में मदद कर सकता है।
-मिथ 12 : ये सिर्फ बच्चों और बुजुर्गों के लिए जानलेवा बीमारी है, नौजवानों के लिए नहीं।
फैक्ट- कोरोना हर उम्र के लोगों को संक्रमित करता है। लेकिन बूढ़े या फिर किसी दूसरी घातक बीमारी से जूझ रहे लोगों में जैसे कि अस्थमा, डायबीटीज, ब्लड प्रेशर आदि होने पर जान का खतरा बन सकता है।
नोट : आपको बताए गए मिथक बड़े आम हैं, जिनमें से कई के बारे में आपने सुना होगा। इन्हीं मिथ से जुड़े फैक्ट्स वर्ल्ड हेल्थ ऑर्गेनाइजेशन (WHO) द्वारा जारी किए गए शोध पत्र और स्टडीज के आधार पर किये गए हैं।