राज्य सरकार ने 15 नवंबर से प्रदेश भर में राजस्व महाभियान 3.0 प्रारंभ कर दिया है। राजस्व विभाग में प्रकरणों पर त्वरित कार्यवाही और राजस्व रिकार्डों की गड़बड़ी को दुरुस्त करने के लिए फिर से सरकार ने यह महाअभियान शुरू किया है। यह अभियान 15 दिसंबर तक यानि पूरे एक माह चलेगा।
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अभियान में नामांतरण, बंटवारे आदि के सभी प्रकार के विवादित और अविवादित मामले निपटाए जाएंगे। उत्तराधिकार नामांतरण के तहत पटवारी बी-1 का वाचन कराकर मृत लोगों की सूची बनाएंगे, इसके बाद फौती नामांतरण की कार्यवाही करेंगे।
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राजस्व महा अभियान 3.0 में प्रदेश भर में रास्तों के विवाद, जल निकासी आदि के विवाद निपटाने के लिए सबसे अहम काम किया जा रहा है। इसके लिए प्रदेशभर के गांवों और शहरों में पुराने रास्तों की पहचान और तलाश कराई जाएगी। गांवों, शहरों में सालों तक जिन गली या पगडंडी का आने जाने के लिए इस्तेमाल किया जाता रहा था, उनकी तलाश की जाएगी।
यह भी पढ़ें: एमपी में बनेगा एक और बड़ा एयरपोर्ट, नए हवाई अड्डे के लिए एएआई ने शुरु किया सर्वे अभियान में यह अहम जिम्मेदारी पटवारियों, राजस्व निरीक्षकों और तहसीलदारों को सौंपी गई है। ये सभी अधिकारी-कर्मचारी, गांवों-शहरों की पुरानी सड़कों, गलियों, पगडंडियों को चिन्हित करेंगे। भू राजस्व संहिता की धारा 131 के अंतर्गत इनका चिन्हांकन किया जाएगा। सड़कों, गलियों, पगडंडियों को चिन्हित करने के बाद सरकार रास्ता विवाद, जल निकासी विवाद के प्रकरण सख्ती से सुलझाएगी।