पुलिस को सभी अशासकीय गतिविधियों में एक जनवरी 2025 से पूर्ण रूप से केश ट्रांजेक्शन बंद कर दिया जाएगा। मध्य प्रदेश पुलिस की कई इकाइयों के पेट्रोल पम्पों पर गंभीर गबन की शिकायतें सामने आने के बाद ऑडिट में ये बात सामने आई थी कि जो नकद लेन-देन किया जाता है, उसका लेखा-जोखा नहीं रखा जाता और इसके जरिए ही गबन किया जाता है।
इसके कारण 30 अक्टूबर को एडीजी कल्याण अनिल कुमार ने पुलिस कल्याण पेट्रोल पम्प, पुलिस गैस रिफिलिंग केंद्र, एलपीजी गैस, सुपर बाजार, पुलिस परिसरों को साफ सफाई व्यवस्था के साथ ही अन्य अशासकीय गतिविधियां जिनका टर्न ऑवर 6 लाख से अधिक है। उन पर नकद लेन-देन पर 15 नवंबर से रोक लगाने का आदेश दिया था।
रसीद देना होगी, मोबाइल नंबर लिखना होगा
शुक्रवार से शुरू हुई इस व्यवस्था में यदि किसी ग्राहक को कैश में पेट्रोल या गैस सिलेंडर दिया तो ग्राहक का नाम व मोबाइल नंबर, रसीद पर लिखना होगा। इसके साथ ही हर दिन इकाई प्रभारी या नोडल अधिकारी नकद बिक्री की समीक्षा करेंगे और इसका लेखा जोखा अपने पास रखेंगे। इसके साथ ही इकाई प्रमुख हर 15 दिन में नकद और डिजिटल लेनदेन का ब्यौरा कल्याण शाखा को देंगे।