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इनपर हुई कार्रवाई
मंत्री सारंग ने बताया कि, अब तक जांच में जो सामने आया है उस हिसाब से मरीजों की मौत में अस्पताल प्रबंधन को जिम्मेदार नहीं माना जा सकता। उन्होंने बताया कि, हमीदिया अस्पताल में करीब 6 बजे लाइट गई थी। लेकिन, अस्पताल में थ्री लेयर बैकअप का इंतजाम है। बिजली बंद होते ही जनरेटर चालू हो गए थे। जनरेटर बंद होने पर वेंटीलेटर का अपना सिस्टम चालू हो गया था। अस्पताल प्रबंधन ने 12 घंटे के अंदर मामले की रिपोर्ट मंत्री को सौंप दी। सारंग ने कहा कि, मामले में समय पर मेंटेनेंस नहीं करने वाले पीडब्ल्यूडी इंजीनियर को निलंबित कर दिया गया है।
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दोषी पर होगी सख्त कार्रवाई
मंत्री सारंग के मुताबिक, अस्पताल के डीन को भी नोटिस दिया जा चुका है। वहीं, दूसरी तरफ मामले को गंभीरता से लेते हुए मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की ओर से भी उच्च स्तरीय जांच के निर्देश दिये जा चुके हैं। जांच रिपोर्ट आज ही दी जाएगी। दोषियों पर कार्रवाई की जाएगी। हमीदिया प्रशासन ने जो रिपोर्ट दी है, उसने लाइट जाने के कारण मृत्यु नहीं होना बताया है। जिन तीन वेंटिलेटरों पर मरीजों को रखा गया था, उनका बेकअप दो घंटे का था, जबकि एक घंटे में ही बिजली आ गई थी। जांच रिपोर्ट आने के बाद दोषी के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। इधर, अस्पताल के अधीक्षक आरडी चौरसिया ने मीटिंग में होने का हवाला देते हुए बात करने से इंकार कर दिया।
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