नरेन्द्र मोदी जब गुजरात के सीएम थे तब उन्होंने गुजरात में निवेश की नींव डाली थी। वाइब्रेंट गुजरात ग्लोबल समिट सबसे पहले 2003 में नरेन्द्र मोदी के गुजरात के मुख्यमंत्री रहते शुरु किया था। इसका मकसद देश के बड़े कोर्पोरेट्स और विदेश कंपनियों के जरिये होने वाले निवेश को ज्यादा से ज्यादा गुजरात में लाया जाना था। नरेन्द्र मोदी ने वाइब्रेंट ग्लोबल समिट कराने का ठेका विजक्राफ्ट कंपनी को दिया था। अब कमल नाथ ने मैग्नीफिसेंट एमपी में आयोजन का ठेका विजक्राफ्ट को दिया है।
बताया जा रहा है कि इंदौर में होने वाली मैग्नीफिसेंट एमपी समिट का ठेका भी विजक्राफ्ट को 22 करोड़ रुपए में दिया गया है, जबकि समिट के अन्य कार्यों के लिए 8 करोड़ रुपए स्थानीय विभागों को दिए गए हैं। इससे पहले मध्यप्रदेश में शिवराज सिंह शासनकाल में कई इन्वेस्टर्स समिट का आयोजन किया गया था। इन आयोजनों की औसत लागत करीब 60 करोड़ रुपए थी। लेकिन कमलनाथ सरकार इसे आधे में करा रही है।
राज्य सरकार का दावा है कि इन निवेशों से प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष तौर पर करीब 1 लाख स्किल्ड व नॉन स्किल्ड लोगों को रोजगार मिलने की उम्मीद है। विदेशी निवेशकों की धूम
मैग्निफिसेंट में विदेशी निवेशकों की धूम बताई जा रही है। कई देशों से अरबों-खरबों के प्रस्ताव आए हैं। कई मल्टीनेशनल कंपनियां ने भी प्रस्ताव दिया है। इजराइल, यूएसए और नार्वे प्रदेश में बड़ा निवेश करेंगे। इजराइल 1508 करोड़ का निवेश करेगा। यूएसए 1127 करोड़ का निवेश करेगा। नार्वे भी 1 हजार करोड़ का करेगा निवेश। जापान करेगा 400 करोड़ का एमयूओ। ब्राजील करेगा 350 करोड़ का एमयूओ। रिलायंस समेत 35 कंपनियां करेंगी घोषणाएं। 12 वेयर हाऊस खोलने का ऐलान कर सकती है रिलायंस।
मालवी संस्कृति के अनुरूप देश-विदेश से आने वाले औद्योगिक प्रतिष्टानों के प्रमुखों तथा अतिनिधियों के स्वागत के लिए इंदौर का दुल्हन की तरह सजाया गया है। गुरुवार को राजबाड़ा और उसके आसपास नो कार डे रहेगा। 17 अक्टूबर को कई उद्योगपति मौजूद रहेंगे। प्रदेश के चौतरफा विकास की राहें खोलने को इंदौर तैयार है। मुख्यमंत्री कमलनाथ इंदौर को इंडस्ट्रियल टाउनशिप, आईटी पार्क, ट्रीटमेंट प्लांट और आइएसबीटी समेत पांच सौगातें देंगे।