लक्ष्मण सिंह अपनी ही सरकार कमल नाथ के खिलाफ कई बार हमला बोल चुके हैं। लोकसभा चुनाव में हार के बाद उन्होंने कहा था- कांग्रेस पार्टी के सभी कार्यकर्ता भाईयों, बहनों निराश न हो। जब मनुष्य पुनर्जन्म ले सकता है,तो अपनी पार्टी भी पुन्ह जीवित होगी,बस अवश्यक्ता है तो सही व्यक्ति को संगठन का काम देना। वहीं, उन्होंने टिकट बंटवारे को लेकर भी प्रदेश संगठन पर हमला बोला था। लक्ष्मण सिंह ने कहा था- लोक सभा चुनाव में नया चेहरा, जो कभी लोक सभा का चुनाव नहीं लड़ा हो, को अवसर देना चाहिये। पुराने चेहरों पर दांव खेलना, हानिकारक होगा। नेताओं की पत्नियों को लड़ाना, अत्यंत हानिकारक होगा।
लक्ष्मण सिंह ने कहा था कि कांग्रेस में मंत्रिमंडल बंद कमरों में तय होता रहा है। इसमें यह नहीं देखा जाता है कि कौन कितनी बार जीता है या किस का अनुभव क्या है। पार्टी ने इसकी वजह से नुकसान भी बहुत उठाया है कि चंद लोग बंद कमरे में बैठकर या पांच सितारा होटल में बैठकर टिकट तय कर लेते हैं, मंत्रिमंडल तय कर लेते हैं। ऊपर से जो निर्णय होते आए हैं उसका परिणाम है कि कांग्रेस पार्टी आज जहां है। अगर नीचे से जो सुझाव आएं उन पर निर्णय लें तो आज जो दुर्दशा कांग्रेस की हुई है वो नहीं होती। कांग्रेस तभी खड़ी होगी जब निर्णय नीचे से होंगे। अगर पांच सितारा होटल में बैठकर बंद कमरों में बैठकर मुट्ठी भर लोगों ने निर्णय लए तो भविष्य मुझे अच्छा नहीं दिख रहा है।
हमला कमल नाथ में या दिग्विजय सिंह पर
लक्ष्मण सिंह के धरने को लेकर सियासत भी शुरू हो गई है। राजनीतिक गलियों में कहा जा रहा है कि लक्ष्मण सिंह का यह धरना अपनी ही सरकार के खिलाफ है या फिर अपने बड़े भाई दिग्विजय सिंह के खिलाफ।
पूर्व केन्द्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने लगातार अपनी ही सरकार पर हमला बोल रहे हैं। ज्योतिरादित्य सिंधिया हाल ही में कर्जमाफी, ट्रांसफर-पोस्टिंग और अवैध रेत उत्खनन को लेकर अपनी ही सरकार पर हमला बोल चुके हैं।