ज्योतिरादित्य सिंधिया ने कांग्रेस के विरोध के बाद भी जम्मू-कश्मीर से धारा 370 हटाए जाने का समर्थन किया था। ज्योतिरादित्य सिंधिया द्वारा धारा 370 हटाए जाने का समर्थन करने के बाद भाजपा के कई नेताओं ने ज्योतिरादित्य सिंधिका की ताऱीफ की थी। इसके साथ ही भाजपा के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष प्रभात झा ने तो ज्योतिरादित्य सिंधिया को भाजपा का ही बताया था। वहीं, धारा 370 को लेकर कांग्रेस कई खेमों में बांट गई थी। ज्योतिरादित्य सिंधिया ने धारा 370 हटाने के फैसले को देश हित में बताया था। भिंड में जो पोस्टर लगाया गया है। उन पोस्टरों में यही लिखा है- संविधान की काली धारा 370 भारत सरकार द्वारा हटाने के निर्णय का समर्थन करने वाले भारत माता के लाल और ग्वालियर-चंबल की शीन श्रीमंत ज्योतिरादित्य सिंधिया के प्रथम भिंड आगमन पर स्वागत वंदन और अभिनंदन। यह पोस्टर भाजपा कार्यकर्ताओं के द्वारा लगाया गया है।
ज्योतिरादित्य सिंधिया ने कमलनाथ सरकार पर एक बार फिर हमला बोला है। यह पहला मौका नहीं है जब ज्योतिरादित्य सिंधिया ने अपनी ही सरकार पर हमला बोला है। भिंड दौरे पर सिंधिया ने कर्जमाफी को लेकर कमलनाथ सरकार पर हमला बोला। सिंधिया ने कहा- किसानों का कर्ज पूरी तरह से माफ नहीं किया गया है। केवल 50 हजार रुपये का कर्ज माफ किया गया है जबकि हमने कहा था कि दो लाख तक का कर्ज माफ किया जाएगा। दो लाख रुपये तक के कर्ज को माफ किया जाना चाहिए।
ज्योतिरादित्य सिंधिया इन दिनों मध्यप्रदेश की सियासत में काफी सक्रिय हैं। ज्योतिरादित्य सिंधिया लगातार मध्यप्रदेश के जिलों का दौरा कर रहे हैं तो अपनी ही सरकार को कटघरे में खड़ा कर कर रहे हैं। ज्योतिरादित्य सिंधिया ने बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों का भी दौरा किया है। कांग्रेस में केवल ज्योतिरादित्य सिंधिया ही वो नेता हैं जिन्होंने बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों का सबसे ज्यादा दौरा किया है। इस दौरन उन्होंने सरकार के सर्वे पर भी सवाल उठाए थे और पीएम मोदी को बाढ़ पीड़ितों की मदद के लिए लेटर भी लिख चुके हैं। ज्योतिरादित्य सिंधिया, राहुल गांधी के इस्तीफे के बाद अपना इस्तीफा दे चुके हैं फिलहाल सिंधिया के पास कोई बड़ी जिम्मेदारी नहीं है।
मध्यप्रदेश में कांग्रेस अध्यक्ष पद को लेकर खींचतान जारी है। दिग्विजय सिंह खेमे के सक्रिय होने के बाद अब कांग्रेस में एक बार फिर से गुटबाजी बढ़ गई है। वहीं, ज्योतिरादित्य सिंधिया नाराज बताए जा रहे हैं। ज्योतिरादित्य सिंधिया की नाराजगी के बीच उनके महाआर्यमन सिंधिया ने एक वीडियो पोस्ट किया था। इस वीडियो के पोस्ट होने के बाद खबरें आईं की ज्योतिरादित्य सिंधिया नाराज हैं और उन्होंने पार्टी के सामने प्रदेश अध्यक्ष को लेकर दावा पेश किया है। वहीं, सोनिया गांधी और ज्योतिरादित्य सिंधिया के बीच मुलाकात नहीं हो पाने के कारण भी सुर्खियों में था।
ज्योतिरादित्य सिंधिया ने भिंड दौरे पर प्रदेश सरकार के मंत्री डॉ गोविंद सिंह के घर में डिनर किया था। गोविंद सिंह ग्वालियर-चंबल में ज्योतिरादित्य सिंधिया के विरोधी नेता के रूप में जाने जाते हैं। लेकिन अब दोनों नेताओं के बीच की तल्खियां नजदीकियों में बदल रही हैं। वहीं, सिंधिया अब दिग्विजय और कमलनाथ खेमे के लोगों से भी मुलाकात कर रहे हैं। ज्योतिरादित्य सिंधिया लगातार मध्यप्रदेश में सक्रिय हैं।
दरअसल, मध्यप्रदेश कांग्रेस में पावर सेंटर की लड़ाई पुरानी है। सीएम कमलनाथ हैं। लेकिन पवार सेंटर की लड़ाई तीन लोगों में छिड़ी रहती है। कमलनाथ, दिग्विजय सिंह और ज्योतिरादित्य सिंधिया। सिंधिया और दिग्विजय खेमे के लोग कमलनाथ कैबिनेट में मंत्री हैं। ये सभी वक्त-वक्त पर अपने सियासी आकाओं की तरफदारी में खड़े रहते हैं। सिंधिया के समर्थक चाहते हैं कि उन्हें प्रदेश अध्यक्ष की जिम्मेदारी दी जाए। हालांकि सिंधिया खुद इस पर कुछ नहीं बोलते लेकिन वो इस रेस में नहीं हैं, इसे खारिज भी नहीं करते।
मध्यप्रदेश में कांग्रेस के पास पूर्णबहुमत नहीं है। कमलनाथ सरकार में ज्योतिरादित्य सिंधिया खेमे के मंत्री भी शामिल हैं। वहीं, ये मंत्री लगातार ज्योतिरादित्य सिंधिया के समर्थन में प्रदेश अध्यक्ष बनाने की मांग कर रहे हैं।