स्वास्थ्य आयुक्त नीतेश व्यास सहित कई अधिकारियों ने जिला अस्पताल का दौरा कर सीएसआर फंड से की गई व्यवस्थाओं को देखा। व्यास ने सभी कलेक्टर्स को पत्र लिखकर अपने जिले में सीएसआर फंड और डिस्ट्रिक्ट माइनिंग फंड से सुविधाओं का विस्तार करने के लिए पहल करने के लिए कहा है।
डॉ. डहेरिया ने बताया कि सोहागपुर बीएमओ रहने के दौरान उन्हें कंपनियों के सीएसआर फंड के बारे में पता चला। होशंगाबाद जिला अस्पताल का सिविल सर्जन बनने के बाद उन्होंने आसपास की फैक्ट्रियों और कंपनियों में जाकर बात की। अस्पताल की जरूरतों के प्रोजेक्ट तैयार कर कंपनियों को भेजे। इस दौरान सबसे कठिन काम था, कंपनियों को विश्वास दिलाना कि उनके फंड का उपयोग मरीजों के भले के लिए किया जाएगा। छह माह की मेहनत के बाद कंपनियों ने अस्पताल में काम कराना शुरू किए। सालभर में करीब ढाई करोड़ के अत्याधुनिक उपकरणों को अस्पताल में स्थापित किया गया।
डॉ. केके ठस्सू, पूर्व संचालक, स्वास्थ्य