हाल ही में दमोह के एक प्राइवेट स्कूल का पोस्टर वायरल हुआ था, जिसमें हिन्दू लड़कियों को भी हिजाब में दिखाया था। स्कूल पर आरोप है कि हिन्दू छात्राओं को भी हिजाब पहनने के लिए मजबूर किया जा रहा है। इस मामले में हिन्दू संगठन विरोध में उतर आए हैं। वहीं इसे लेकर एक और बड़ा खुलासा हुआ है कि इस स्कूल में भारत के टुकड़े करने वाली कविताएं भी पढ़ाया जा रही थीं।
दमोह कलेक्टर की कार्रवाई
इधर, मामला मुख्यमंत्री और गृहमंत्री तक पहुंचने के बाद दमोह कलेक्टर ने स्कूल पर कार्रवाई की है। स्कूल यूनिफार्म से हिजाब का बंधन हटा लिया गया है। इतना ही नहीं कलेक्टर के निर्देश के बाद अब अल्लामा इकबाल के लब पे आती है दुआ सरीखे गीत भी नहीं गाए जाएंगे। अब छात्राएं प्रातःकालीन प्रार्थना में केवल राष्ट्रगान जन गणमन ही गाएंगे।
कर्नाटक के बाद अब मध्यप्रदेश में हिजाब पर विवाद, गृहमंत्री ने दिए जांच के आदेश
मुख्यमंत्री ने दी चेतावनी
इधर, शुक्रवार को छतरपुर के गौरव दिवस के मौके पर मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने चेतावनी दी है कि बेटी को हिजाब या सिर पर स्कारफ बांधकर आयो, इसके लिए मजबूर करेगा तो स्कूल मध्यप्रदेश में नहीं चलने देंगे। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह ने कहा कि दमोह के स्कूल में जो हुआ वो मध्यप्रदेश की धरती पर ऐसी हरकत नहीं चलेगी। ऐसे स्कूल बंद होंगे।
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गृहमंत्री ने दिए थे जांच के आदेश
तीन दिन पहले यह मामला उठने पर गृहमंत्री नरोत्तम मिश्रा ने बुधवार को बताया कि उन्होंने जिला शिक्षा अधिकारी से जांच कराने को कहा है। हालांकि परिवार से कोई शिकायत नहीं आई है। फिर भी उन्होंने पुलिस अधीक्षक को पूरे मामले की गहन जांच के निर्देश दिए हैं। हाल ही में दमोह जिले में सोशल मीडिया पर एक पोस्टर वायरल हो रहा है, जिसमें यहां के गंगा-जमना स्कूल की टॉपर बच्चियों के फोटो हैं। उस फोटो में हिन्दू लड़कियों को भी हिजाब पहने दिखाया गया है। इधर, प्रोफेसरों पर धर्मांतरण कराने के आरोप में राष्ट्रीय बाल संरक्षण आयोग के अध्यक्ष प्रियंक कानूनगो का ट्वीट सामने आया है। प्राइवेट स्कूल का पोस्टर सोशल मीडिया पर वायरल होने को लेकर कानूनगों ने कहा है कि यूनिफॉर्म के नाम पर बच्चियों को जबरन बुरखा पहनाया गया।
इस मामले में शुक्रवार को राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग (ncpcr) के अध्यक्ष प्रियंक कानूनगो ने ट्वीटर पर स्कूल के प्रबंधक हाजी मुहम्मद इदरीस का एक पत्र साझा किया है। यह पत्र सीएम शिवराज सिंह चौहान को प्रेषित है। इसमें कथित स्कारफ के कारण लोगों की भावनाएं आहत होने पर खेद व्यक्त किया है। इस पर कानूनगो ने लिखा है कि यह स्कार्फ नहीं, हिजाब था। झूठ मत फैलाओ हाजी इदरीस। जांच चल रही है। राज्य बाल आयोग की टीम दमोह पहुंचेगी जो कहना है वहीं कहना। मीडिया को प्रभावित कर जनभावनाएं भड़काकर सहानुभूति हासिल करने का ड्रामा चलने वाला नहीं है।