आधी अधूरी खुशी मिली
मध्यप्रदेश तृतीय वर्ग शासकीय कर्मचारी संघ के प्रदेश सचिव उमाशंकर तिवारी कहते हैं कि सरकार ने कोरोनाकाल में महंगाई भत्ते और वेतनवृद्धि को रोक दिया था। अच्छी बात है कि वे कर्मचारियों के वेतन में बढ़ोत्तरी कर रहे हैं, लेकिन जिस हिसाब से महंगाई की मार सभी झेल रहे हैं, उस हिसाब से महंगाई भत्ता नहीं बढ़ाया जा रहा है। केंद्र और राज्य सरकार की महंगाई दर में 11 फीसदी का अंतर हो गया है, जो शायद ही कभी कम हो पाएगा।
तिवारी कहते हैं कि सरकार चाहे तो कई विसंगतियों को दूर कर सकती है। आज जो 8 फीसदी महंगाई भत्ता बढ़ाया है, उसमें साढ़े पांच लाख सरकारी कर्मचारियों के वेतन में बढ़ोत्तरी होगी, लेकिन इससे प्रदेश के पेंशनधारियों को लाभ नहीं मिलेगा। राज्य सरकार को 8 प्रतिशत की जगह 16 प्रतिशत करना चाहिए था, जिससे केंद्र और राज्य सरकार का अंतर कम हो सके।
कई राज्यों में 28 फीसदी महंगाई भत्ता
तिवारी ने कहा कि केंद्र सरकार सहित कई राज्यों में 1 जुलाई 2021 से 28% महंगाई भत्ता प्रदान कर दिया है, वहीं मध्यप्रदेश में अक्टूबर 2021 से 8 प्रतिशत महंगाई भत्ता जुलाई 2021 से न देकर अक्टूबर 2021 से दिया जा रहा है, ऐसा होने से 16% महंगाई भत्ता नहीं मिलेगा और जो 8% मिल भी रहा है, वह 3 माह बाद ही मिलेगा। इस कारण कर्मचारी लाभ से वंचित रहेंगे।
बोनस भी दे रही केंद्र सरकार
केंद्र सरकार ने गुरुवार को तीन फीसदी महंगाई भत्ते की घोषणा की है। इसका लाभ देशभर के एक करोड़ कर्मचारियों को मिलेगा। इसका लाभ केंद्र के पेंशनधारियों को भी मिलेगा। केंद्र अपने कर्मचारियों को 31 फीसदी महंगाई भत्ता दे रही है। जबकि बोनस भी दे रही है।
सीएम ने भी की थी घोषणा
मुख्यमंत्री घोषणा कर चुके हैं कि केंद्रीय एवं केंद्रीय तिथि से महंगाई भत्ता दिया जाएगा। लेकिन इसका पालन नहीं हुआ। जबकि कई राज्य अपने कर्मचारियों को केंद्र की तरह महंगाई भत्ता दे रहे हैं। मध्यप्रदेश सरकार को भी जुलाई 2021 से 16 फीसदी महंगाई भत्ता प्रदान करना था। उमाशंकर तिवारी ने आग्रह किया है कि राज्य सरकार भी केंद्र के समान अपने कर्मचारियों और पेंशनर्स को भी महंगाई भत्ता दे।
GOOD NEWS: सभी सरकारी कर्मचारियों को 20 फीसदी मिलेगा महंगाई भत्ता
किसको कितना नुकसान
8% महंगाई भत्ता जुलाई 2021 से न देने पर 3 माह में सरकारी कर्मचारियों को हुआ इतना नुकसान।
सरकार ने बचाए 840 करोड़
तीन माह में केंद्र के समान महंगाई भत्ता नहीं देकर सरकार ने लगभग 840 करोड़ रुपए बचाए। कर्मचारियों को उम्मीद है कि जल्द ही राज्य सरकार केंद्र के समान महंगाई भत्ता देकर 11 फीसदी का अंतर कम करेगी, ताकि कर्मचारियों को खुशी पूरी मिल सके।