डॉक्टर गोविंद सिंह ने सवाल उठाते हुए कहा, क्या कारण है कि सिर्फ भारतीय जनता पार्टी के नेताओं को ही z+ सेक्यूरिटी दी जा रही है, जबकि इनमें से कई तो ऐसे भी हैं जो 20 साल पहले ही चुनाव हार चुके हैं। लेकिन, मौजूदा सरकार उन्हें भी सुरक्षा दे रही है।
DGP पर लगाए गंभीर आरोप
डॉक्टर गोविंद सिंह का हमला सिर्फ प्रदेश सरकार तक ही सीमित नहीं रहा, उन्होंने मध्य प्रदेश के डीजीपी सुधीर सक्सेना पर भी गंभीर आरोप लगाए। उन्होंने कहा कि, जबसे मध्य प्रदेश में नए डीजीपी नियुक्त किये गए हैं। तभी से सूबे की कानून-व्यवस्था पूरी तरह से चौपट हो गई है।
कांग्रेस नेताओं पर हमले के दिए उदाहरण
नेता प्रतिपक्ष ने कांग्रेस नेताओं पर हुए हमले के उदाहरण देते हुए बताया कि, ‘भिंड में कांग्रेस विधायक माखनलाल जाटव की हत्या कर दी गई। 2003 में विधानसभा चुनाव में मेरी विधानसभा में गोलीबारी में 3 लोग मारे गए। 2013 में मेरे घर पर हमला किया गया।’ उन्होंने आगे कहा कि, ‘मैं भिंड में ही एक कार्यक्रम में गया था, वहां माखनलाल जाटव के हत्यारे भी बैठे थे। अगर वहां कोई घटना दुर्घटना हो जाती तो उसकी जवाबदारी कौन लेता।’
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एक महीने में नहीं मिल सकी उन्हीं को सुरक्षा
डॉक्टर गोविंद सिंह ने प्रदेश सरकार से सवाल पूछते हुए कहा कि, सरकार बताए कि, प्रदेश का नेता प्रतिपक्ष होने के नाते उन्हें सुरक्षा मिलनी चाहिए कि नहीं? लेकिन एक महीना बीत जाने के बावजूद भी सरकार अबतक उन्हें सुरक्षा मुहैय्या नहीं करा सकी है। आखिर इस उदासीन रवैय्ये की वजह क्या है? डॉक्टर गोविंद सिंह ने बताया कि, इस संबंध में वो खुद मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान और डीजीपी सुधीर सक्सेना से बात कर चुके हैं। उनका कहना है कि, सीएम और डीजीपी से वो ये बात कह चुके हैं कि, अगर शासन की ओर से उनके लिए सुरक्षा के इंतजाम नहीं कराए जा सकते तो पहले की तरह इस बार भी वो अपनी सुरक्षा का इंतजाम खुद ही कर लेंगे।
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