दरअसल ‘युवा स्वाभिमान योजना’ के तहत सरकार बेरोजगार युवाओं के तहत शहरी युवाओं को 100 दिन का काम दिए जाने के साथ चार हजार रुपए प्रतिमाह बेरोजगारी भत्ता देगी।
इस पर जल्द ही कैबिनेट बैठक में इस योजना पर मुहर लग सकती है। एक ओर जहां सरकार इस फैसले को युवाओं के हित में बता रही है, वहीं इसको लेकर अधिकारी द्वारा उठाई गई बातों के चलते इस योजना पर सवाल भी उठने लगे हैं।
असल में मुख्य आयकर आयुक्त आरके पालीवाल ने बेरोजगारों को भत्ता देने पर सवाल उठाते हुए सोशल मीडिया पर पोस्ट किया है। जिसमें उन्होंने इस तरह की योजनाओं से भविष्य में सामने आने वाली समस्याओं का जिक्र किया है।
उनका मानना है कि ऐसा कर सरकार आलसियों की फौज तैयार कर रही है| क्योंकि भत्ते का लाभ लेने के लिए यह निश्चित है कि रातों रात बेरोजगार लोगों की एक बड़ी फौज खड़ी हो जाएगी। इससे पहले वह एक फेसबुक पोस्ट के जरिए सरकार के इशारे पर काम करने वाली जांच एजेंसियों के अफसरों को भी आड़े हाथों ले चुके हैं।
जानकारों की मानें तो कुल मिलाकर बेरोजगारों को भत्ता देने के कमलनाथ सरकार के फैसले पर किसी राजनैतिक पार्टी ने नहीं वरन इस बार एक सरकारी कर्मचारी ने ही अटैक कर दिया है। जिसके चलते इस योजना से कुछ लाभ मिलने से पहले ही योजना सवालों के घेरे में आ गई है।
सोशल मीडिया पर पोस्ट…
मुख्य आयकर आयुक्त आरके पालीवाल ने बेरोजगारों को भत्ता देने पर सवाल उठाते हुए सोशल मीडिया पर पोस्ट किया है। उनका कहना है कि सरकार आलसियों की फौज तैयार कर रही है। वहीं भत्ते का लाभ लेने के लिए यह निश्चित है कि रातों रात बेरोजगार लोगों की एक बड़ी फौज खड़ी हो जाएगी।
इससे पहले उन्होंने एक फेसबुक पोस्ट के जरिए सरकार के इशारे पर काम करने वाली जांच एजेंसियों के अफसरों को आड़े हाथों लिया था।
फेसबुक पर लिखा…: पालीवाल ने फेसबुक पर लिखा कि आजकल महाचुनाव की पूर्व संध्या पर हर तरफ लोक लुभावन आयोजनों की मायावी बहार आई है, जिसमें किसानों, व्यापारियों, सरकारी कर्मचारियों के साथ साथ बेरोजगारों के लिए भी नित नए नए वादों की बौछार हो रही हैं।