आयुष्मान कार्ड की जानकारी के लिए यहां करें क्लिक…।
मंगलवार को विदिशा निवासी योगेंद्र रघुवंशी ने यह जानकारी सभी को दी है। रघुवंशी पिछले दिनों अपनी दादी का इलाज कराने चिरायु आए थे, लेकिन आयुष्मान कार्ड होने के बावजूद उनसे दो लाख रुपए जमा करवा लिए गए थे। इसका उन्होंने वीडियो बनाकर मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान समेत अन्य नेताओं को भेजा था। इसमें योगेंद्र ने चिरायु अस्पताल में आयुष्मान कार्ड से इलाज करने से मना करने की जानकारी दी थी और दो लाख रुपए जमा एडवांस भी जमा करने की बात कही थी।
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सिंधिया ने दिया था आश्वासन
जब राज्यसभा सदस्य ज्योतिरादित्य सिंधिया को इस बारे में पता चला तो उन्होंने योगेंद्र रघुवंशी से बात कर मदद का आश्वासन दिया था। संबध में अस्पताल प्रबंधन और स्वास्थ्य मंत्री प्रभुराम चौधरी से चर्चा के बाद योगेंद्र रघुवंशी को दो लाख रुपए वापस किए गए और आयुष्मान कार्ड के जरिए बाकी का इलाज शुरू कराया गया।
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अस्पताल को मिला नोटिस
आयुष्मान भारत योजना में सीईओ एस विश्वनाथन ने चिरायु अस्पताल को शोकॉज नोटिस जारी कर तीन दिन में जवाब मांगा था। इसके 24 घंटे के भीतर ही चिरायु अस्पताल प्रबंधन ने परिजनों से लिए गए 2 लाख रुपए एडवांस वापस कर दिया।
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आयुष्मान कार्ड के बावजूद जमा करवाए थे दो लाख रुपए
मनमानी पर उतारू चिरायु मेडिकल कालेज और अस्पताल प्रबंधन आयुष्मान कार्ड धारकों को कैशलेस इलाज देने से लगातार इनकार कर रहा था। सोमवार को भी एक वीडियो वायरल हुआ था, जिसमें पीड़ित युवक से अपनी दादी के इलाज के लिए आयुष्मा कार्ड होने पर भी दो लाख रुपए जमा कराए गए थे। ऐसी भी शिकायतें आ रही हैं कि कई निजी अस्पताल भी यही कर रहे हैं। विदिशा से आए योगेंद्र रघुवंशी ने वीडियो जारी कर मुख्यमंत्री से उनकी दादी का इलाज चिरायु अस्पताल में आयुष्मान योजना से कराने की मांग की थी। योगेंद्र ने बताया कि वे रविवार को अपनी कोरोना पीड़ित दादी सरजू बाई रघुवंशी का इलाज कराने चिरायु अस्पताल आए थे। दादी का आयुष्मान कार्ड भी बना हुआ है। उन्होंने योजना के तहत कैशलेस इलाज देने का अनुरोध किया, लेकिन चिरायु अस्पताल प्रबंधन ने साफ कह दिया कि दो लाख रुपए जमा करो नहीं तो दादी को किसी और अस्पताल में ले जाओ। मजबूरी में उन्होंने व्यवस्था कर दो लाख रुपए जमा कर दिए, लेकिन उनके पास इतने पैसे नहीं थे।
रविवार को भी हुआ था हंगामा
इससे पहले रविवार को भी एक अन्य मरीज का भी आयुष्मान कार्ड के जरिए इलाज नहीं करने की बात पर हंगामा हुआ था। चिरायु अस्पताल में डीआईजी बंगला निवासी योगेश बलवानी ने अपनी मां का इलाज आयुष्मान कार्ड से कराने से मना कर दिया था। अस्पताल के मैनेजर गौरव बजाज के दुर्व्यवहार का वीडियो भी वायरल हुआ था। जिसमें वो कहता है कि अस्पताल में कोविड मरीजों के इलाज के लिए आयुष्मान कार्ड स्वीकार नहीं गिए जाएंगे। इसके बाद योगेश की मां की मौत हो गई थी। हालांकि अस्पताल के मालिक डा. अजय गोयनाका ने मैनेजर गौरव बजाज को सामाजिक कार्यकर्ता बताते हुए वीडियो का खंडन किया था। जबकि वीडियो में गौरव बजाज खुद को अस्पताल का अधिकृत बता रहा था।
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