नेता प्रतिपक्ष गोपाल भार्गव ने ट्वीट करते हुए कहा- राजनीति में जो ये सोचते है कि मैनेजमेंट से सरकारें चलती हैं उनके वहम दूर करने के लिए कर्नाटक सरकार का फ्लोर टेस्ट में गिर जाना एक जीता जागता उदारहण है। सरकार मैनेजमेंट से नहीं विश्वास के दम पर चलती है। गोवा से होते हुए कर्नाटक पहुंचकर राजनीतिक मानसून आगे बढ़ रहा है। कर्नाटक में भी कांग्रेस-जेडीएस गठबंधन भी ठगबंधन साबित हुआ।
केन्द्रीय कृषि मंत्री नरेन्द्र सिंह तोमर ( Narendra Singh Tomar ) ने कहा- कांग्रेस अंतर्कलह से ग्रस्त है, निराशा के दौर से गुजर रही है। इसलिए उसकी सरकारों पर संकट आ रहा है। कर्नाटक की घटना में भाजपा का कोई हाथ नहीं है। मध्यप्रदेश में भी जिस तरह से आपसी कलह मची हुई है, यह सरकार अपने बोझ से ही गिर जाएगी। कर्नाटक हो या मध्यप्रदेश किसी भी सरकार को धक्का देने की हमारी नीयत नहीं है।
गोपाल भार्गव ने कहा कि मध्यप्रदेश में जल्द ही सरकार अपना पिंडदान करवाएगी। उन्होंने कहा कि लंगड़ी सरकारों का यही हाल होता है। अब कर्नाटक में बेहतर तरीके से विकास होगा। भार्गव ने कहा- मध्यप्रदेश की भी लगभग यही स्थिति है, क्योंकि यहां जो ट्रांसफर उद्योग चल रहा है, किसानों के साथ छल-कपट, लूट-खसोट, भ्रष्टाचार और चारों ओर हाहाकार मचा है। मुझे विश्वास है मध्यप्रदेश की सरकार भी अपना पिंडदान करवाएगी।
जब लोकसभा ( Lok sabha ) चुनाव के नतीजे आए तो कांग्रेस खेमे में इस बात को लेकर खलबली मच गई थी। मध्यप्रदेश सरकार के कई मंत्रियों ने दावा किया था कि हमारे विधायकों को खरीदने की कोशिश हो रही है। इसके बाद सीएम कमलनाथ ने विधायकों की बैठक बुलाई थी। बैठक के बाद उन्होंने कहा था कि हमारे दस से ज्यादा विधायकों को कॉल आए हैं। उन्हें पद और पैसा का प्रलोभन दिया जा रहा है। लेकिन हमारे विधायक एकजुट हैं।
230 विधानसभा सीटों वाले मध्यप्रदेश में किसी भी पार्टी के पास बहुमत नहीं है। मध्यप्रदेश में बहुमत के लिए 116 सीटों की जरूरत होती है। जबकि सबसे बड़ी पार्टी कांग्रेस के पास 114 विधायक है। कांग्रेस ने बसपा ? ( BSP ), सपा और निर्दलीय विधायकों के समर्थन से सरकार बनाई है। वहीं, बीजेपी के पास 109 विधायक थे, लेकिन हाल ही में रतलाम-झाबुआ सीट से सांसद बनने के बाद स्थानीय बीजेपी विधायक जीएस डामोर ने इस्तीफा दे दिया है। जिसके बाद अब बीजेपी ( BJP ) के पास 108 विधायक हैं। 4 निर्दलीय विधायक हैं, 2 विधायक बसपा और एक विधायक समाजवादी पार्टी का है।