शहर के बापूनगर स्थित जलदाय विभाग परिसर में पहुंचे और एक टंकी देखी। इस पर सफाई की दिनांक 21 जून 2016 लिखी हुई थी। इसके गंदगी थी। मौके पर मौजूद लोगों ने बताया कि बहुत समय से सफाई नहीं हुई। इसी तरह बीमा अस्पताल परिसर स्थित टंकी की भी निर्धारित समय पर सफाई नहीं होती है। यह लापरवाही किसी दिन जनता पर भारी पड़ सकती है। कई बार बदबूदार पानी आने पर शिकायत भी करते हैं लेकिन कोई सुनने वाला नहीं है।
मांडल जलदाय विभाग की टंकियों की साफ-सफाई की दिनांक नहीं थी। जब बुधवार को संवाददाता ने फोटो खींचे तो इसकी जानकारी मिलते ही जलदाय विभाग के अधिकारी तुरंत सुध लेने पहुंच गए।
करेड़ा
कस्बे के कुण्ड गेट स्थित पानी की टंकी का ढक्कन हमेशा खुला ही रहता है। कस्बे की अन्य टंकियों की सफाई भी समय पर नहीं होती। जबकि हर छह माह में टंकी की सफाई का प्रावधान है। इस बारे में माण्डल सहायक अभियन्ता महेश नारायणीया ने कहा कि कुण्ड गेट की टंकी का ढक्कन जल्द ही बदल दिया जाएगा। टंकी पर लगी सीढ़ी को भी हटाया जाएगा।
गर्मी का मौसम आने के साथ ही टंकियों पर तारीख बदल जाती है। सफाई नही होती। स्थानीय पुलिस थाने के पास कंजर बस्तीवासियों ने बताया कि टंकी का निर्माण हुए पांच वर्ष हो गए। एक बार बस्तीवासियों ने सफाई की थी। उसके बाद हर साल टंकी पर सफाई की तारीख लिख दी जाती है परन्तु सफाई नहीं होती।
कई सालों से टंकियों की सफाई करते हुए किसी कर्मचारी को नहीं देखा
मांडलगढ़ क्षेत्र में जलदाय विभाग जिन पानी की टंकियों से आपूर्ति करता है , उनमें से वार्ड नंबर 7,8,9,10, 11 एवं 12 के कुछ हिस्से में जिन पानी की टंकियों से जल आपूर्ति की जा रही है। उन पर टंकी की सफाई की तारीख एक पर 6 अक्टूबर 17 एवं दूसरी पर 4 अक्टूबर 17 अंकित की गई है। इस आधार पर इन टंकियों की सफाई किए हुए लगभग 7 महीने 15 दिन पूरे हो रहे है। इस बारे में पीएचईडी के कनिष्ठ अभियंता आनंद कुमार का कहना है कि टंकियों की सफाई अप्रेल में करवा दी थी। तारीख नहीं लिखी।
बड़लियास कस्बे में धोला भाटा स्थित एकमात्र हैडपंप में भी मटमैला पानी आता है। रैगर मौहल्ले में कई नल कनक्शनो में मात्र हवा आती हैं तो कुछ कनेक्शनों में मात्र दो तीन बाल्टी पानी की आपूर्ति होती हैं।
बरून्दनी कस्बे में दो टंकियां चामुण्डा माता मन्दिर के समीप बनी हुई है। एक टंकी बरून्दनी के किले के दक्षिणी छोर पर तथा एक ओवर हैड टंकी गाडरी मोहल्ले में है। बुधवार दोपहर 12 बजकर 10 मिनट पर चामुण्डा माता के मन्दिर के समीप बनी दो टंकियों की स्थिति मौके पर जाकर देखी तो पता चला कि इनकी सफाई हुए कई माह बीत गए।
जलदाय विभाग के निर्देश है कि जो भी टंकियां है उनकी छह माह में सफाई होनी चाहिए। इसमें बकायदा दिनांक लिखा होना जरूरी है। साथ ही सुरक्षा के भी निर्देश दे रखे हैं। इसके बावजूद भी कहीं खामी है तो इसे दूर करवाया जाएगा।
प्रकाशचंद्र गुप्ता, अधीक्षण अभियंता, जलदाय विभाग