ऐसे में उन शिक्षकों के सामने भी परेशानी हो गई है कि जो एक अथवा दो माह में सेवानिवृत्त होने वाले हैं। राहत की बात है कि विभाग ने गाइडलाइन में यह साफ कर दिया कि ग्रामीण वाले ग्रामीण और शहरी वाले शहरी क्षेत्र में ही पदस्थापित किए जाएंगे।
चार साल पहले की थी काउंसलिंग करीब चार साल पहले भी अधिशेष शिक्षकों का पदस्थापन किया गया था। तब काउंसलिंग से ही रिक्त पदों पर शिक्षकों का पदस्थापन किया था। शिक्षा सत्र 2018-19 में अधिशेष शिक्षकों का पदस्थापन करने के लिए जिला स्तर पर काउंसलिंग की गई थी। महिलाओं का प्राथमिकता के आधार पर पदस्थापन किया गया था, लेकिन इस बार ऐसी कोई व्यवस्था फिलहाल नहीं है।
महिला शिक्षिकाओं के सामने संकट समायोजन को लेकर महिला शिक्षिकाओं के सामने संकट की स्थिति है। आमतौर पर नियुक्ति एवं पदस्थापन आदेश देने से पहले काउंसलिंग की जाती है। इसमें एकल, विधवा, दिव्यांग एवं महिला शिक्षिकाओं को प्राथमिक दी जाती है। इसके लिए बकायदा रिक्त पद बोर्ड पर दर्शाया जाता है। इसके बाद महिला कार्मिकों को प्राथमिकता दी जाती है। इस बार समायोजन को लेकर अभी तक ऐसी व्यवस्था नहीं की गई है। ऐसे में महिला शिक्षिकाओं के सामने असमंजस है कि नजदीकी ब्लॉक में कोई पद रिक्त नहीं रहा तो उन्हें अन्य ब्लॉक में जाना पड़ेगा।