इसमें पेच यह है कि विद्यार्थी की अपार आईडी बनाने के लिए अभिभावकों की सहमति जरूरी है जो डाटा संशोधन कराने के चलते नहीं मिल पा रही है। गौरतलब है कि अपार आईडी, देश में सभी विद्यार्थियों के लिए डिजाइन विशेष पहचान प्रणाली है। यह पहल सरकार के शुरू वन नेशन, वन स्टूडेंट आईडी का हिस्सा है, जो नई शिक्षा नीति से जुड़ा है।
नहीं मिल रहा पर्याप्त सहयोग अपार आईडी का निर्माण यू-डाइस प्लस पोर्टल से किया जा रहा है। इस पर दर्ज विद्यार्थी की डिटेल यथा नाम, पिता का नाम, जन्म दिनांक आदि आधार कार्ड में समान होने के साथ ही माता-पिता के आधार की डिटेल से भी समान होना जरूरी है। दिक्कत है कि गलतियों को सही करने के लिए आधार कार्ड का अपडेट करवाना जरूरी है। इसमें चाही गई सूचना के लिए अभिभावकों का पर्याप्त सहयोग नहीं मिल पा रहा है।
मिस मैच से संकट यू-डाइस प्लस पोर्टल पर दर्ज विद्यार्थियों की डिटेल तथा माता-पिता के आधार कार्ड की डिटेल मिस मैच हो रही है। इसमें संशोधन तथा विद्यार्थी के नाम आदि में सुधार कराने के इच्छुक जो अभिभावक हैं, वे फिलहाल अपार आईडी बनाने के लिए अनुमति नहीं दे रहे हैं। निर्धारित सहमति पत्र पर अभिभावक के हस्ताक्षर अनिवार्य हैं, इस पत्र के अभाव में शिक्षक अपार आईडी नहीं बना सकते।
अभिभावकों की पीड़ा अभिभावकों ने बताया कि बच्चे के नाम वगैरह में परिवर्तन कराना है। विद्यालय प्रबंधन शीघ्र ही अपार आईडी बनवाने का दबाव बना रहे हैं। ऐसे में सहमति पत्र नहीं दे रहे ताकि अपार आईडी सही जानकारी के साथ ही बन सके।
एक ब्लॉक की स्थिति
- 1,34,159 कुल छात्र
- 61,118 छात्र के बने अपार
- 69,514 छात्र के पैंडिग
- 3429 छात्र के अपार फेल्ड
- 98 छात्र के आवेदन लंबित