अवसाद और स्ट्रोक का खतरा बढ़ा राजस्थान प्रदूषण नियंत्रण मंडल के विशेषज्ञों के अनुसार वातावरण में मौजूद खतरनाक तत्व हवाओं की रफ्तार के साथ ऊपर चले जाते हैं। हवा में एल्युमिनियम, पोटेशियम, क्लोरीन, कैल्शियम व सल्फर जैसे घातक तत्वों के अलावा कार्बन मोनोऑक्साइड, कार्बन डाई ऑक्साइड और मिथेन जैसी जहरीली गैसें हवा के जरिए फेंफड़ों में उतर लोगों को बीमार बना रही हैं। इसके दुष्परिणाम अवसाद, हार्ट स्ट्रोक, ब्रेन स्ट्रोक, अस्थमा, किडनी, कार्डिक, एलर्जी और पेट संबंधी बीमारियों के रूप में सामने आ रहे हैं।
प्रदूषण कम करने के उपाय करें राजस्थान प्रदूषण नियंत्रण मंडल के क्षेत्रीय अधिकारी दीपक धनेटवाल ने बताया कि प्रदूषण घटाने के लिए पेट्रोल-डीजल के बजाय सीएनजी और इलेक्ट्रिक कार व दोपहिया वाहनों का उपयोग किया जाना चाहिए। बाजार में आते-जाते ऑटो के बजाय ई-रिक्शा से जाएं। जाम के दौरान बहुत देर तक वाहनों को स्टार्ट न रखें। कम दूरी के लिए साइकिल अच्छा विकल्प है। खेतों में कूड़ा व पराली न जलाएं। फैक्ट्रियों की चिमनी ऊंची बनाने के साथ ही नियमों की पालना करें। घरों में सोलर ऊर्जा और ईको फ्रेंडली दूसरे विकल्पों को प्रोत्साहन दिया जाना चाहिए।
शहर की एक्यूआई की स्थिति दिनांक एक्यूआई श्रेणी
- 18 दिसंबर 220 ऑरेंज
- 19 दिसंबर 262 ऑरेंज
- 20 दिसंबर 257 ऑरेंज
- 21 दिसंबर 299 ऑरेंज
- 22 दिसंबर 260 ऑरेंज
- 23 दिसंबर 099 ग्रीन
- 24 दिसंबर 198 येलो
- 25 दिसंबर 296 ऑरेंज