प्रतापनगर थाना क्षेत्र में फैक्ट्री श्रमिक वर्ग की संख्या ज्यादा है। उत्तरप्रदेश, मध्यप्रदेश, बिहार, महाराष्ट्र समेत कई राज्यों के लोग थाना इलाके में रह रहे हैं। उनके साथ बाहरी क्षेत्र से कई अपराधियों ने इस क्षेत्र को ठिकाना बना लिया है। प्रतापनगर थाने का क्षेत्राधिकार इलाका भी बड़ा है।
पुलिस चौकी से भीमगंज थाना बनने के बाद कोतवाली थाने को राहत मिली है। कोतवाली में २२ और भीमगंज में २१ हिस्ट्रीशीटर है। पुर थाना बनने के बावजूद प्रतापनगर को राहत नहीं मिली। नया थाना बनने के बाद पुर में ५ और मंगरोप में ४ हिस्ट्रीशीटर है।
हिस्ट्रीशीटर घोषित करने के लिए पुलिस के पास कोई पैमाना नहीं है। कम मुकदमे में भी हिस्ट्रीशीटर बनाया जा सकता है। पुलिस आदतन अपराधी पर नजर रखने को उसे हिस्ट्रीशीटर बनाती है। किसी भी तरह की बड़ी वारदात के बाद हिस्ट्रीशीटर को बुलाकर पूछताछ की जाती है। निरंतर थाने पर हाजिरी देनी होती है। हालांकि पांच साल तक एक भी मुकदमा दर्ज नहीं होने और चाल-चलन ठीक होने पर पुलिस अधिकारी चाहे तो हिस्ट्रीशीटर की फाइल बंद कर सकते हैं।
अजमेर रेंज में कुल १३५९ हिस्ट्रीशीटर है। इनमें अजमेर में सर्वाधिक ४८६, नागौर में ३८४, भीलवाड़ा में २८९ तथा टोंक में २०० हिस्ट्रीशीटर हैं।