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रोजगार से बेरोजगार हो जाएंगे। राजस्थान माद्यमिक शिक्षा बोर्ड में 33% अंक वाले पास हो जाते है परन्तु ई-मित्र संचालकों को 75% अनिवार्य अंक लाने पर ही पास किया जा रहा है। ग्रामीण क्षेत्र में लाखों रुपए के उपकरण खरीद कर दिव्यांग और गरीब तबके के युवा ही अधिक ई-मित्र चला रहे है। राज्यसरकार द्वारा गुड गवर्नेस के तहत ई-गवर्नेस योजनाओं को बढ़ावा देने के उद्देश्य से ई-मित्र कियोस्कों को भी बेहतर करने का प्रयास कर रही है। सूचना एवं प्रोद्योगिकी विभाग द्वारा प्रदेशभर में संचालित ई-मित्र संचालकों की प्री ई-मित्र परीक्षा ली जा रही है।
Campaign: रेलवे अंडरब्रिज के फेर में उलझ रहे चालक जानकारी के अनुसार राज्य में एक दिसम्बर 2017 के बाद ई-मित्र खोलने वालों के लिए बुनियादी प्रमाणीकरण परीक्षा पास करना जरूरी कर दिया गया है। दो चरणों में होने वाली परीक्षा के पहले चरण में आवेदक तथा वर्तमान संचालकों को हर छह माह में एक बार सौ अंकों का प्रश्न पत्र हल करना होगा। परीक्षा में ई-मित्र पोर्टल की प्रारम्भिक जानकारी, कंप्यूटर इंटरनेट तथा मोबाइल से जुड़े आब्जेक्टिव सवाल पूछे जाएंगे। परीक्षा में फेल हो जाने की दशा में संबंधित ई-मित्र कियोस्क बंद कर दिए जाएंगे।
नए पुराने ई-मित्र पर एक ही नियम ई-मित्र परियोजना के तहत संचालित सभी सेवाएं निर्बाध रूप से मिले। इसके लिए ही बुनियादी प्रमाणीकरण परीक्षा की बाध्यता लागू की जा रही है। हर नए आवेदक तथा पुराने संचालकों को यह परीक्षा पास करना जरूरी होगा।