सहायक उपनिरीक्षक प्रभुसिंह ने बताया कि नाथद्वारा सराए निवासी नरेश कोडवानी ने रिपोर्ट दी कि एयरटेल कम्पनी के अधिकृत जयदीपसिंह के यहां से अनिल कांकरवाल वाली स्टोर से वर्ष-2017 में 21 हजार रुपए का अतिरिक्त चार्ज देकर वीआईपी नम्बर की पोस्टपेड सिम खरीदी। 11 मई 2018 को सिम को कम्पनी ने बिना कारण बंद कर दिया जबकि वह बिल अदा कर रहा है। दूसरे दिन परिवादी के परिचित ने उस नम्बर पर फोन किया तो राजा चौधरी नामक व्यक्ति ने उठाया और इसे खुद का नम्बर बता फोन काट दियाा।
नरेश ने दूसरे नम्बर से उसी एयरटेल नम्बर पर बात की तो दुबारा से राजा ने फोन उठाया और कहा, यह नम्बर उसका है। कम्पनी में उसके पूर्व विधायक पिता प्रकाश चौधरी के मिलने वाले हैं। परिवाद के अनुसार, एयरटेल के सभी कर्मचारी चौधरी के परिचित हैं इसीलिए कर्मचारियों की मिलीभगत कर फर्जी व कूटरचित दस्तावेज तैयार कर सिम को अपने नाम करवा ली। यहीं नहीं राजा चौधरी ने उसके साथ बदसलूकी भी की।
उसने कहा कि अगर पुन: नम्बर चाहने पर पांच लाख रुपए देने पड़ेंगे। परिवादी ने पता किया तो राजा चित्तौडग़ढ़ जिले के बड़ीसादड़ी के पूर्व विधाायक प्रकाश चौधरी का बेटा निकला। कम्पनी के कुछ कर्मचारियों से सांठगांठ कर, जिनमें अनिल कांकरवाल, जयदीपसिंह, अभिषेक शर्मा से षड्यंत्र रचकर राजा चौधरी ने धोखाधड़ी की। यह जानते हुए भी कि यह परिवादी के नाम रजिस्टर है।
तीन साल पूर्व रिलायंस कम्पनी से यह सिम खरीदी थी। यह सिम मेरे नाम पर ही थी। नरेश ने कम्पनी से सांठगांठ कर अपने नाम करा ली। वर्ष-2017 में बड़ीसादडी में उसके खिलाफ मामला दर्ज कराया था। मामले की जांच
उदयपुर ट्रांसफर करवा ली थी। जांच में यह सिम मेरी पाई गई। उसके बाद कम्पनी ने बंद सिम को वापस चालू किया। धोखाधड़ी का आरोप निराधार है।
– राजा चौधरी, पूर्व विधायक पुत्र व आरोपित