पहले 138 हादसे, बढ़कर 155 हुए
2019 से 2021 तक भीलवाड़ा जिले में तीन साल में 9 ब्लैक स्पाॅट पर 138 हादसे हुए। इनमें 89 लाेगाें ने दम तोड़ा। ब्लैक स्पॉट की संख्या बढ़ी तो वर्ष 2020 से 2023 के बीच 155 हादसे हुए। इनमें 227 जनों की जान गई। 2020 से लेकर अक्टूबर 2022 तक बीते तीन साल में जिले में 2069 हादसे हुए। इनमें 907 घातक थे। इन हादसाें में 1001 लाेगाें की जान गई।
कान्याखेड़ी चौराहा सबसे खतरनाक
पुलिस, सार्वजनिक निर्माण और परिवहन विभाग की ओर से ब्लैक स्पॉट की पहचान में सबसे ज्यादा खतरनाक भीलवाड़ा-चित्तौढ़गढ़ राजमार्ग पर कान्याखेड़ी चौराहे को माना गया है। यहां वर्ष-2020 से 23 तक 38 हादसे हुए। इनमें 25 जनों की मौत हुई। दूसरे स्थान पर भीलवाड़ा-उदयपुर मार्ग पर रगसपुरिया चौराहा है। यहां वर्ष-2020 से 23 तक में 15 हादसे हुए। इनमें 15 जनों की मौत हुई। तीसरे स्थान पर बीगोद में यशकंवर धाम रहा, जहां तीन साल में 10 हादसे हुए। इनमें 17 लोगों ने दम तोड़ा।
भीलवाड़ा शहर में हादसों के स्पॉट
– पंचवटी चौराहा
-आरसी व्यास मजदूर चौराहा
– सुखाडिया सर्कल
– अजमेर पुलिया, खड़ेश्वरी महाराज मंदिर के पास
– पुर बाइपास
– सर्किट हाउस चौराहा
हादसे घटित होने केे प्रमुख कारण
– सही तरीके से सडक का घुमाव न होना
– घुमाव वाली जगह पर अतिक्रमण की भरमार
– सड़क का ऊंचा-नीचा होना
– ट्रैफिक लाइट का न होना
– चौराहे पर जंक्शन की कमी होना
-मापदण्डों के अनुसार स्पीड ब्रेकर का निर्माण न होना
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किस ब्लैक स्पॉट पर कितने हादसे
थाना क्षेत्र लोकेशन दुर्घटना मौत
जहाजपुर स्वास्ति धाम 11 5
जहाजपुर शाहपुरा बाइपास 7 5
हनुमाननगर टीकड़ 14 7
गुलाबपुरा कंवलियास 13 7
रायला संगम मिल चौराहा 5 5
रायला लीरडिया खेड़ा 7 7
हमीरगढ़ कान्याखेड़ी चौराहा 38 25
गंगापुर पोटला बाइपास 9 7
कारोई रगसपुरिया चौराहा 15 15
कारोई रतनपुरा चौरहा 13 13
मांडलगढ़ रातिया खेड़ा से लाडपुरा 13 13
बिजौलियां सलावटिया 5 6
बीगोद यशकंवर धाम 10 17