सामाजिक व व्यक्तिगत स्तर पर शादियों पर खर्च में बढ़ा दिया। अब अधिक मेहमान बुला रहे हैं। कुछ जगह शादियों का सीजन देवउठनी से पहले ही शुरू हो जाएंगे। हालांकि 12 नवंबर से ही शादियों की शुरुआत हो रही है। वेडिंग प्लानर्स के अनुसार मेहमानों की संख्या 800 से 1500 तक पहुंच रही है। महंगाई बढ़ने के कारण खर्चा पहले से अधिक हो रहा है। होटलों के मुताबिक, बिग बजट वेडिंग फिर प्रचलन में है। इधर, जैन समाज में भगवान का कल्याणक व शुभ मुहूर्त देखकर शादियां करने का चलन बढ़ा है। इसके कारण जैन समाज में अभी शादियों हो रही है। त्योहार के बाद फिर से बाजार में अच्छी-खासी रौनक है।
12 को उठेंगे देव, गूंजेगी शहनाइयां, शुरू होंगे मांगलिक कार्यक्रम देव प्रबोधिनी एकादशी 12 नवम्बर को मनाई जाएगी। इस दिन से शादी-विवाह और मांगलिक कार्यक्रमों की शुरूआत होगी। देव उठनी एकादशी के दिन विभिन्न समाज के सामूहिक विवाह आयोजन होंगे। घरों, मंदिरों और सार्वजनिक स्थलों पर तुलसी-सालगराम के विवाह कार्यक्रम होंगे।
अबूझ मुहूर्त, बंधेंगे परिणय सूत्र में देवउठनी एकादशी के अबूझ मुहूर्त पर जिले में शहर से ग्रामीण क्षेत्रों तक बड़ी संख्या में विवाह होंगे। आचार्य समाज और ब्राह्मण समाज के सामूहिक विवाह समारोह होंगे। जिन परिवारों में देव उठनी एकादशी के दिन विवाह कार्यक्रम होने है, उनमें तैयारियां चल रही है। विभिन्न क्षेत्रों में भवनों की बुकिंग हो चुकी है। बैण्ड, डीजे, लाइट डेकारेशन, घोड़ी, रथ, हलवाई इत्यादि की भी बुकिंग हो चुकी है। बाजारों में देवउठनी एकादशी व उसके बाद के शुभ मुहूर्तों में विवाह के लिए सामान की खरीदारी चल रही है। विवाह के निमंत्रण पत्रों के वितरण का क्रम प्रारंभ हो गया है।
27 मुहूर्तों में होंगे विवाह पंडित अशोक व्यास ने बताया कि कार्तिक शुक्ला एकादशी के अबूझ मुहूर्त से शादी-विवाह के आयोजन प्रारंभ होंगे। चातुर्मास में चार महीनों तक विवाह व मांगलिक कार्यक्रमों के निषेध रहने के बाद 12 नवम्बर से पुन: शुरूआत होगी। इस दिन तुलसी-सालगराम के विवाह होंगे। नवम्बर माह में 12, 17, 22, 24 और 27 को विवाह के लिए शुभ मुहूर्त है। इसी प्रकार दिसंबर में 1, 9 और 10 दिसंबर को शुभ मुहूर्त है। जनवरी 2025 में 16, 18, 21, 22 और 23 जनवरी, फरवरी में 2, 6, 7, 8, 13, 14, 18, 20, 21 व 25 तारीख, मार्च में 1, 5 और 6 मार्च शादी-विवाह के लिए शुभ मुहूर्त है। 2 फरवरी को बसंत पंचमी के अबूझ मुहूर्त है।