रोहित मीणा ने बताया कि जिले में मौजूद 16 महाविद्यालय के हालात काफी दयनीय है। जिले में व्याख्याताओं के बड़ी संख्या में रिक्त पदों के चलते उच्च शिक्षा का ढर्रा बिगड़ा हुआ है। जिला मुख्यालय पर ही नोडल कॉलेज राजकीय स्नातकोत्तर महाविद्यालय में ही ऐसे हालत में शैक्षणिक गतिविधियां ठप सी हंै। जिले में उच्च शिक्षा के बदहाल हालातों तथा अन्य समस्याओं को लेकर जाम लगाकर विरोध प्रदर्शन कर विरोध जताया गया है।
छात्र नेता सुनील प्रजापति, प्रतीक मालव ने बताया कि जिले के सबसे बड़े महाविद्यालय में व्याख्याताओं के 61 पद सृजित हंै। जिसमें वर्तमान में कुल 12 व्याख्याता ही महाविद्यालय में तैनात हैं। इनमे से भी इतिहास व व्यवसायिक प्रबंधन के दो व्याख्याताओंं को भी अन्य महाविद्यालय में प्रतिनियुक्ति पर तैनात किया हुआ हैं। इसके चलते महज 10 व्याख्याताओं के भरोसे पर ही महाविद्यालय में के सैंकड़ों छात्र-छात्राओं का भविष्य टिका हुआ है। ऐसे में शिक्षण प्रभावित हो रहा है।
अर्पित चौधरी, ध्रुव नागर, पवन रैगर, केशव नागर, यशवंत नागर, सचिन कछावा ने बताया कि अगर सरकार हमारी मांगों को शीघ्र ही पूरा नहीं करती तो कार्यकर्ता जिला कलक्ट्रेट पर आंदोलन करेंगे। प्रदर्शन के दौरान पहुंचे तहसीलदार के आश्वाशन के बाद छात्र-छात्राओं ने जाम हटाया। प्रदर्शन में बड़ी तादाद में छात्र छात्राएं मौजूद रहे। वहीं इसके बाद प्रदर्शनकारियों ने जिला कलक्टर से मिलकर उनको महाविद्यालय की समस्याओं से अवगत करवाया। जिला कलक्टर ने भी छात्रों की समस्या से उच्चाधिकारियों को अवगत करवाने की बात कही। छात्रा हिमांशी मीणा, शिवानी गुर्जर, कल्पना नागर, ज्योति बैरवा, ने कहा कि शीघ्र ही व्याख्याता के रिक्त पदों को भरा जाए तथा शैक्षणिक वातावरण को सुचारु किया जाए।