ऐसे तो कैसे सीख पाएंगे कंप्यूटर सूत्रों ने बताया कि राजस्थान राज्य शैक्षिक अनुसन्धान एवं प्रशिक्षण परिषद ने कक्षा एक से पांचवीं तक के बच्चों के लिए आओ सीखे कम्प्यूटर और कक्षा छह से आठवीं तक के बच्चों के लिए कम्प्यूटर विज्ञान की किताबें तैयार की तथा राजस्थान राज्य पाठ्य पुस्तक मंडल की ओर से प्रकाशन कराया गया। इसके बाद जिला केन्द्रों को तथा वहां से पीईईओ और ब्लॉक के माध्यम से स्कूलों को आवंटित की गई। इसके बाद स्कूलों में बच्चों को इन पुस्तकों का नि:शुल्क वितरण किया जा रहा है। कुछ स्कूलों में कई दिनों पहले वितरण कर दिया गया तो कुछ में अब तक वितरण किया जा रहा है और कुछ स्कूलों में तो बच्चों को इंतजार करना पड़ रहा है। प्रदेश के सरकारी स्कूलों में करीब 10 लाख से अधिक किताबों का वितरण होना है।
प्रथम फेज वाले कंप्यूटर तो खराब हालत में ही है। जल्दी ही इनका निस्तारण कराकर दुबारा मंगवाने के लिए सरकार से मांग की जाएगी। वैसे ज्यादातर स्कूलों में स्मार्ट क्लास चालू है। वहां डिजीटल कंटेंट से पढ़ाई कराई जा रही है। करीब 240 मीडिल स्कूलों में लेपटॉप भी दिए हुए है। उससे भी पढ़ाया जा रहा है।
पीयूष शर्मा, एडीपीसी, समग्र शिक्षा स्कूलों से शुरू में किताबों की डिमांड नहीं दी थी। डिमांड मिलने के बाद बीकानेर भेज कर स्वीकृति ली गई। इसके बाद किताबे मंगवाकर उन्हें ब्लॉक व पीईईओ के माध्यम से स्कूलों को भेजा गया। इससे वितरण में देरी हो गई। वैसे अन्य विषयों की किताबे तो जुलाई-अगस्त में ही वितरण करा दी थी।
संतोष वर्मा, सहायक निदेशक, सीडीईओ अब बीच सेशन में स्कूलों में कंप्यूटर की किताबें बच्चों के लिए आई हैं। कई स्कूलों में कंप्यूटर नहीं है। कई में शिक्षकों की कमी है। अभी अधिकांश शिक्षकों को गैर शैक्षणिक कार्यों में लगाया हुआ है। ऐसे में कंप्यूटर विज्ञान की पढ़ाई कैसे होगी। यदि विज्ञान के शिक्षक या अन्य किसी को इसकी जिम्मेदारी दी जाती है तो यह अतिरिक्त बोझ रहेगा। सरकार इसका समाधान जल्द करें।
गजराज, जिलाध्यक्ष रेसटा