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निर्दलीय प्रत्याशी की हत्या के आरोप में मिली थी उम्र कैद की सजा
जानकारी के अनुसार, दिल्ली की तिहाड़ जेल में उम्र कैद की सजा काट रहे बरनावा के पूर्व विधायक सतेंद्र सोलंकी के भाई एवं पूर्व ब्लाक प्रमुख केंद्र हरेंद्र सोलंकी की मंगलवार को दिल्ली की तिहाड जेल में संदिग्ध परिस्थितियों में मौत हो गई। उन्हें ढिकोली गांव के निर्दलीय प्रत्याशी डॉ इंद्रपाल ढाका की हत्या में दिल्ली पटियाला हाउस कोर्ट ने उम्र कैद की सजा सुनाई थी। उधर इस मामले में मृतक कैदी के बेटे ने दिल्ली के हरिनगर थाने में हत्या का शक होने के संबंध में भी तहरीर दी हैै। दिल्ली पुलिस गंभीरता से मामले की जांच कर रही है। वहीं बता दें कि बागपत के गांव डिकोली के प्रधान इंद्रपाल ढाका की हत्या के मामले में अदालत ने पूर्व विधायक सतेंद्र सोलंकी के भाई हरेंद्र सोलंकी को उम्र कैद की सजा सुनाई थी। दोनों भाइयों ने चुनाव भी लड़ा था
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1996 के विधानसभा चुनाव में प्रत्याशी इंद्रपाल सिंह की हुई थी हत्या
वर्ष 1996 में विधानसभा चुनाव में खेकड़ा विधानसभा क्षेत्र से निर्दलीय प्रत्याशी इंद्रपाल सिंह ढाका भी चुनाव में उतरे थे। वह ढिकोली गांव के रहने वाले थे। इस चुनाव में वह हार गये थे। चुनाव के बाद 24 जून 1997 को उनकी मेरठ में गोलियां बरसा कर हत्या कर दी गई थी। बड़ौत क्षेत्र के नेता सतेंद्र सोलंकी और उसके भाई हरेंद्र सोलंकी को हत्या में नामजद किया गया था। मुकदमा मेरठ के न्यायालय में विचाराधीन था। तभी इंद्रपाल के भाई अमर पाल ने उच्चतम न्यायालय में याचिका दायर कर मांग की थी कि मेरठ न्यायालय से उन्हें न्याय मिलने की उम्मीद नहीं है। उनका मुकदमा किसी अन्य प्रदेश के न्यायालय में चलाया जाए। उच्चतम न्यायालय ने उनकी याचिका को स्वीकार करते हुए केस को दिल्ली की पटियाला हाउस कोर्ट में ट्रांसफर कर दिया था। वहां पर सतीश चंद अरोड़ा का फास्ट ट्रैक कोर्ट में मुकदमे की सुनवाई चली। जहां पर दोनों दोषी करार दिए गए और 7 मई 2019 को न्यायालय ने दोनों भाई सतेंद्र सोलंकी और हरेंद्र सोलंकी को आजीवन कारावास की सजा सुनाई थी। इसके बाद दोनों जेल भेज दिए गये थे।