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बताते चले पूर्व विधायक लोकेश दीक्षित के भाई नारायण दीक्षित से रंगदारी मांगने के मामले में पूर्वांचल के माफिया डॉन मुन्ना बजरंगी को 7 जुलाई को वारंट बी पर झांसी जेल से बागपत लाया गया था औा उसे जेल में रखा गया था। 8 जुलाई 2018 को सुबह करीब 6.30 बजे ताबड़तोड़ गोलियां बरसाकर मुन्ना बजरंगी को मौत के घाट उतार दिया था। इससे जेल में हड़कम्प मच गया था। जेल में बंद सुनील राठी ने बजरंगी की हत्या करना स्वीकार किया था। इस प्रकरण में तत्कालीन जेलर यूवी सिंह ने मुकदमा दर्ज कराया था। बजरंगी की पत्नी सीमा सिंह ने पूर्व सांसद धनंजय सिंह, रिटायर्ड डिप्टी एसपी जेएम सिंह औऱ् उनके पुत्र पीके पर अपने पति की हत्या की साजिश का आरोप लगाया था। पुलिस ने इस मामले में राठी के विरुद्ध फाइनल रिपोर्ट लगाते हुए शेष आरोपियों को क्लीन चिट दे दी थी।
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बजरंगी की पत्नी की मांग पर सरकार ने इस मामले की सीबीआई से जांच कराने का निर्णय लिया था। सोमवार को सीबीआई के डिप्टी एसपी वरूण रावत के नेतृत्व एक तीन सदस्यीय टीम जांच के लिए बागपत पहुंची। टीम ने जेल में जाकर अधिकारियों व कर्मचारियों से पूछताछ की और घटना स्थल का भी निरीक्षण किया। टीम जेल में कैदियों से भी पूछताछ की तथा उस बैरक को देखा, जिसमें बजरंगी को रखा गया था। जेल में जांच के बाद टीम थाना खेकड़ा पहुंची और एफआईआर देखी तथा विवेचना अधिकारी से भी पूछताछ की। बताया गया है कि टीम ने केस से जुड़े सभी दस्तावेज भी अपने कब्जे में ले लिए हैं।