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मध्य प्रदेश की योजना पर मिल चुकी सैद्धांतिक सहमति
केंद्रीय मंत्री ने कहा कि पूर्वी राजस्थान के 13 जिलों में राज्य की कुल आबादी के 40 प्रतिशत लोग रहते हैं। गहलोत सरकार की राजनीति के चलते इन 13 जिलों की जनता त्रस्त व बदहाल है और यह महत्वाकांक्षी परियोजना सिरे नहीं चढ़ पाई है।
वर्ष 2004 में अटल सरकार ने नदियों को जोड़ने की परियोजनाओं की परिकल्पना की थी। उस समय देश में 31 लिंक चिह्नित किए गए थे। उनमें से एक पार्वती- कालीसिंध-चंबल लिंक मध्यप्रदेश और राजस्थान के बीच भी चिह्नित हुआ था, लेकिन प्रदेश की असहमति के कारण उस लिंक को उसी समय स्थगित कर दिया गया था। केंद्रीय मंत्री ने कहा कि जल जीवन मिशन में सबसे अधिक पैसा प्रदेश को दिया लेकिन ये आठ हजार करोड़ रुपए भी खर्च नहीं कर पाए।
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प्रदेश में 163 सीटें जीतेंगे
केंद्रीय मंत्री ने विधानसभा चुनाव में खुद मैदान में होने के सवाल पर कहा कि उनकी कोई मंशा नहीं है लेकिन पार्टी के हर आदेश का वे पालन करेंगे। कहा कि प्रदेश में कमल के फूल पर चुनाव होगा। हम प्रदेश में 163 सीटें जीतेंगे। इसके बाद उन्होंने चुनावी तैयारियों को लेकर भाजपा के नेताओं के साथ बैठक की। बूथों की मजबूती पर बात की। ये भी कहा कि सभी लोग जुट जाएं। कोई बूथ कमजोर न रहने पाए।
सीएम गहलोत ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए लोगों से संवाद किया
प्रदेश को 2030 तक देश का अग्रणी राज्य बनाने की मुहिम का सीएम अशोक गहलोत ने मंगलवार को एक समारोह में आगाज कर दिया। बिरला सभागार में समारोह के दौरान गहलोत ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए लोगों से संवाद किया। गहलोत ने ईआरसीपी को लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर निशाना साधते हुए कहा कि ईआरसीपी पूर्ववर्ती सरकार के समय की योजना है लेकिन केंद्र सरकार ने इस परियोजना को राष्ट्रीय परियोजना घोषित नहीं करने की जिद पकड़ रखी है। अब हमारी भी जिद है कि अगर केंद्र इस प्रोजेक्ट पर काम नहीं करेगा तो इसे हम हर हाल में पूरा करके दिखाएंगे। वे नेगेटिव सोचने के जिद्दी हैं तो हम भी काम करने के जिद्दी हैं। ईआरसीपी से 13 जिलों के लोगों की प्यास बुझेगी। हमारी सरकार ने रामगढ़ बांध कोईसरदा के पानी से भरने का फैसला लिया है।