विभाग की माने तो 14 दिसंबर से इन केंद्रों का संचालन सरकारी भवनों व सरकारी स्कूलों में किया जाएगा। सरकारी भवन नहीं मिलने पर किराए के भवनों में खोले जाएंगे। फिलहाल नए आंगनबाड़ी केंद्रों पर पुरानी कार्यकर्ता व सहायिका को अतिरिक्त कार्यभार देकर संचालन किया जाएगा। इसके बाद नए पदों पर भर्ती की जाएगी। ताकि इनका संचालन अच्छी तरह से हाे सके। ये आंगनबाड़ी केंद्र वर्ष 2011 की जनसंख्या को आधार मानकर खोले गए हैं।
लंबे समय बाद नए केंद्र
अलवर में नए आंगनबाड़ी केंद्र खोलने की मांग की जा रही थी। 0 से 6 साल तक के बच्चों को दूर के केंद्रों पर जाना पड़ रहा था। ऐसे में नए केंद्रों की आवश्यकता बनी हुई थी। आंगनबाड़ी केंद्रों पर आने वाले बच्चों को शाला पूर्व प्राथमिक शिक्षा, पोषाहार व टीकाकरण सहित अन्य योजनाओं का लाभ दिया जाता है। किशोरियों को सेनेटरी नेपकिन व गर्भवती महिलाओं का टीकाकरण आदि किया जाता है।
अब भी नहीं मिल रहीं पूरी सुविधाएं
जिले में चल रहे आंगनबाड़ी केन्द्र संसाधनों की कम से जूझ रहे हैं। इन केन्द्रों पर बच्चों को बिजली, पानी और शौचालय के साथ-साथ भवन कमी से परेशान होना पड़ रहा हैं। आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं को समय पर वेतन नहीं मिलता है। अधिकांश आंगनबाड़ी केन्द्र स्टाफ की कम से जूझ रहे हैं।