श्रमिक स्पेशल ट्रेन में सोशल डिस्टेंसिंग का पूरा पालन कराते हुए श्रमिकों को बैठाया गया था। 5 मई को गाड़ी संख्या 09315 सूरत से 14 :30 बजे चल कर 6 मई को सुबह 7: 30 बजे प्रयागराज जंक्शन पहुंचना था। हालांकि ट्रेन तीन घंटे बिलंब से प्रयागराज स्टेशन पर पहुंची। सूरत से प्रयागराज आने वाली श्रमिक एक्सप्रेस में 14 सिलीपर 4 जनरल और दो एसएलआर सहित कुल 24 कोच लगे हुए थे। आपको बता दें कि देश के अलग.अलग राज्यों से चल कर कुल 4 ट्रेनें प्रयागराज पहुंचेंगी। ट्रेनों में श्रमिकों के लिए खाने पीने की पूरी व्यवस्था निशुल्क की गई थी। लेकिन सूरत से आयें एक श्रमिक ने कहा की कंपनी के मालिक ने पैसा नही दिया । खाने को कुछ नही मिलता था । 500 का टिकट एक हजार रूपये में मिला है । फिर भी घर आने की ख़ुशी है । सफर के दौरान किसी भी प्रकार की कोई परेशानी नहीं हुई ।
सरकार के तमाम दावों के बावजूद यात्रियों से 500 से लेकर 1000 तक किराया लिया गया है। वहीं कुछ यात्री निशुल्क यात्रा भी किए हैं।दूसरे राज्यों में फंसे बड़ी संख्या में मजदूर जब प्रयागराज आए तो सबसे पहले स्वास्थ्य विभाग क़ी लगभग 20 टीमों को लगाकर उनकी थर्मल स्कैनिंग कराई गई। कुंभ मेला के समय बने प्रयागराज जंक्शन पर आश्रय स्थल में ही फिलहाल मजदूरों को रखा गया है और यहीं पर मजदूरों को खाने.पीने का सामान भी जिला प्रशासन मुहैया करवाया जायेगा। जांच के दौरान संदिग्ध मरीजों को प्रयागराज में ही क्वारन्टाइन किया जाएगा। स्वास्थ्य परीक्षण के बाद सभी मजदूरों को रोडवेज बसों द्वारा उनके गंतव्य को भेज दिया जाएगा।